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जल संरक्षण में साझा प्रयासों की नई पहल, धौलपुर में वंदे गंगा अभियान के तहत सीएसआर कार्यशाला आयोजित

जल संरक्षण में साझा प्रयासों की नई पहल, धौलपुर में वंदे गंगा अभियान के तहत सीएसआर कार्यशाला आयोजित

भविष्य की पीढ़ियों के लिए जल बचाने का जिम्मा हम सभी का — जिला कलेक्टर

धौलपुर। प्रदेशभर में 5 जून से 20 जून तक संचालित हो रहे वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान के अंतर्गत शनिवार को धौलपुर जिला प्रशासन द्वारा एक विशेष सीएसआर (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित हुआ, जिसकी अध्यक्षता जिला कलेक्टर निधि बी.टी. ने की। कार्यशाला का आयोजन जिला प्रशासन, जिला उद्योग एवं वाणिज्य केंद्र और जलग्रहण एवं भू-संरक्षण विभाग के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। इस दौरान जिले में कार्यरत उद्योग इकाइयों, औद्योगिक संघों, विभिन्न विभागों और संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने सहभागिता दर्ज कराई।

भूजल संरक्षण को जन-जिम्मेदारी बनाना होगा

जिला कलेक्टर ने सभी प्रतिनिधियों से जल संरक्षण को केवल एक सरकारी कार्यक्रम न मानकर सामूहिक जिम्मेदारी के रूप में लेने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि जिले के गिरते भूजल स्तर को लेकर सभी को गंभीर होने की आवश्यकता है और इसके लिए औद्योगिक इकाइयाँ, प्रशासन और सामाजिक संस्थाएँ मिलकर ठोस कदम उठाएँ। उन्होंने यह भी कहा कि जल संरक्षण केवल एक आवश्यकता नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए हमारा नैतिक कर्तव्य है।

साझा विचार और नवाचारों पर हुआ मंथन

कार्यशाला में विभिन्न विभागों एवं औद्योगिक प्रतिनिधियों से जल संरक्षण संबंधी नवाचारों और गतिविधियों के सुझाव आमंत्रित किए गए। इस अवसर पर जलग्रहण एवं भू-संरक्षण विभाग के अधीक्षण अभियंता ने वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान के उद्देश्यों और इसके तहत संचालित गतिविधियों पर विस्तृत प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में वाटर ऑडिट, एनर्जी ऑडिट, ग्रीन ऑफिस, ग्रीन बजटिंग जैसे विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा जानकारी दी गई। इन विषयों पर खुला संवाद हुआ, जिसमें यह स्पष्ट किया गया कि कैसे ये उपाय जल संरक्षण को तकनीकी और रणनीतिक दृष्टिकोण से मजबूती प्रदान कर सकते हैं।

सीएसआर के ज़रिए जल बचाने की दिशा में ठोस पहल

कार्यशाला का मूल उद्देश्य था कि कॉर्पोरेट और संस्थागत स्तर पर सीएसआर फंड के माध्यम से जल संरक्षण की गतिविधियों को कैसे समर्थन मिल सकता है। इसके लिए कंपनियों, यूनिट्स और संगठनों को स्थानीय भूजल संवर्धन, वर्षा जल संचयन, हरित विकास और जन जागरूकता जैसे पहलुओं पर निवेश हेतु प्रेरित किया गया।कार्यशाला में जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक मितुल गोयल, वरिष्ठ क्षेत्रीय प्रबंधक पिंटेश मीना, उद्योग संघ अध्यक्ष राजीव मित्तल, रेलटेल कॉर्पोरेशन के प्रतिनिधि सहित कई अन्य विभागीय अधिकारी और उद्योग जगत के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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