भारत जैसे-जैसे विकसित होगा खाने-पीने से जुड़ी चीजों की महंगाई कम होती जाएगी, बोलीं एमपीसी सदस्य
नई दिल्ली। भारत में उच्च खाद्य मुद्रास्फीति की समस्या भविष्य में ‘‘कम गंभीर’’ होगी, क्योंकि विविध स्रोतों के साथ आधुनिक आपूर्ति शृंखलाएं विशिष्ट खाद्य पदार्थों की कीमतों में अचानक बढ़ोतरी से निपटने में मदद कर सकती हैं। ये बातें भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की सदस्य आशिमा गोयल ने गुरुवार को कही।
भारत में घरेलू बजट में भोजन की हिस्सेदारी अधिक होने की बात पर जोर देते हुए गोयल ने कहा कि नीतियों को कृषि उत्पादकता बढ़ाने पर केंद्रित होने की जरूरत है, क्योंकि स्थिर कृषि कीमतें मुद्रास्फीति से परे वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण हैं।
गोयल ने कहा, ‘‘जैसे-जैसे भारत विकसित होगा, इस समस्या (खाद्य पदार्थों की उच्च कीमतों) की गंभीरता कई कारणों से कम होती जाएगी। विविध स्रोतों वाली आधुनिक आपूर्ति शृंखलाएं विशिष्ट वस्तुओं के दाम बढ़ने पर उनसे निपटने में मदद करेंगी।’’