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बिहार बना ‘क्राइम कैपिटल ऑफ इंडिया’... राहुल गांधी का बड़ा आरोप

बिहार बना ‘क्राइम कैपिटल ऑफ इंडिया’... राहुल गांधी का बड़ा आरोप

पटना। बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सियासत तेज हो गई है। वहीं, विपक्ष बिहार में कानून व्यवस्था और मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण को लेकर एनडीए सरकार पर लगातार हमला बोल रहा है। इन सबके बीच कानून व्यवस्था को लेकर राहुल गांधी ने भी सरकार पर निशाना साधा है। राहुल ने एक्स पर लिखा कि बिहार बना ‘क्राइम कैपिटल ऑफ इंडिया’ - हर गली में डर, हर घर में बेचैनी! बेरोज़गार युवाओं को हत्यारा बना रहा है गुNDA राज। नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए राहुल ने आगे लिखा कि CM कुर्सी बचा रहे हैं, BJP मंत्री कमीशन कमा रहे हैं। मैं फिर दोहरा रहा हूं - इस बार वोट सिर्फ सरकार बदलने का नहीं, बिहार को बचाने का है। व्यापारियों, राजनेताओं, वकीलों, शिक्षकों और आम नागरिकों को निशाना बनाकर एक के बाद एक अंजाम दी जा रहीं हत्या की घटनाओं ने बिहार की कानून-व्यवस्था को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं। पुलिस ने इन घटनाओं के लिए अवैध हथियारों और गोला बारूद की व्यापक उपलब्धता को जिम्मेदार ठहराया है। पिछले 10 दिन में, व्यवसायी गोपाल खेमका, भाजपा नेता सुरेंद्र कुमार, 60 वर्षीय एक महिला, एक दुकानदार, एक वकील और एक शिक्षक सहित कई लोगों की हत्याओं ने चुनाव से पहले बिहार को दहला दिया है। राज्य अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एससीआरबी) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, राज्य में जनवरी से जून के बीच हर महीने औसतन 229 हत्याओं के साथ 1,376 हत्या के मामले दर्ज किए गए, जबकि 2024 में यह संख्या 2,786 और 2023 में 2,863 थी। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के अनुसार, अवैध रूप से निर्मित या बिना वैध लाइसेंस के खरीदे गए आग्नेयास्त्रों के प्रसार और कारतूसों व गोला-बारूद की अनियंत्रित उपलब्धता ने हाल में हिंसक अपराधों में तेज़ी ला दी है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार, बिहार लगातार हिंसक अपराधों, जिनमें आग्नेयास्त्रों से जुड़े अपराध भी शामिल हैं, के मामले में शीर्ष पांच राज्यों में शामिल रहा है। एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, राज्य 2017, 2018, 2020 और 2022 में हिंसक अपराध दर में दूसरे स्थान पर रहा है। पुलिस महानिदेशक विनय कुमार ने कहा, ज़्यादातर हत्याओं के पीछे जमीन विवाद और संपत्ति के मामले मुख्य कारण हैं। ऐसे मामलों में पुलिस की भूमिका सीमित होती है और यह अपराध होने के बाद शुरू होती है। अपराध का पता लगाने में हमारे बल ने 100 प्रतिशत की दर हासिल कर ली है।

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