बजट बहस में बीजेपी- कांग्रेस ने लगाए एक दूसरे पर आरोप
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नेता प्रतिपक्ष बोले - भजनमंडली माहौल ख़राब कर रही है
जयपुर। गुरूवार को प्रदेश की विधानसभा में प्रश्नकाल और शून्यकाल की कार्यवाही के बाद बजट पर बहस हो रही है। बजट बहस में भजन मंडली का जिक्र भी हुआ। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली बोले- यह भजन मंडली सदन में माहौल बिगाड़ती है।
बजट बहस के दौरान बीजेपी विधायक को टोकने पर कुछ देर हंगामे के हालात बन गए। मारवाड़ जंक्शन से बीजेपी विधायक केसाराम चौधरी बजट की तारीफ करते हुए कांग्रेस राज की खामियों का जिक्र कर रहे थे। इसी दौरान कांग्रेस विधायकों ने टोका। इस पर उन्होंने कहा कि अगर इस तरह टोका गया तो मैं किसी को नहीं बोलने दूंगा।
इससे पहले राजाखेड़ा से कांग्रेस विधायक रोहित बोहरा ने केंद्र से पहले राज्य का बजट पेश करने पर सवाल उठाए। बोहरा ने कहा कि राज्य सरकार को बजट पेश करने की ऐसी भी क्या जल्दी थी, कम से कम केंद्र सरकार का बजट तो पहले आने देते। आपका 46 फीसदी रेवेन्यू जीएसटी और केंद्रीय करों से आता है, उसमें आप कुछ नहीं कर सकते। अगर केंद्र सरकार कोई योजना शेयरिंग वाली लेकर आई तो आप पैसा कहां से दोगे।
बोहरा ने कहा की ग्रामीण विकास का बजट 1000 करोड़ रुपए घटा दिया है। 650 करोड़ की शहरी मनरेगा 350 करोड़ की कर दी और आप वाहवाही की उम्मीद कर रहे हो। राजस्थान में इस बजट से कोई विकास नहीं होगा। एमनेस्टी के नाम पर सरकार खेला कर रही है।
वही बीजेपी विधायक कुलदीप धनखड़ ने कहा कि कांग्रेस राज में कई योजनाओं में घपले हुए। जल जीवन मिशन में जिस तरह से कांग्रेस राज के दौरान घपला हुआ, उसकी अभी जांच चल रही है। यह जांच अगर सही दिशा में आगे बढ़ी और ऐसे ही चलती रही तो कांग्रेस के कई नेता आगे आने वाले दिनों में जेल में होंगे। कांग्रेस राज में बजट के दौरान की गई घोषणाएं जमीन पर नहीं उतरीं।
इससे पहले प्रश्नकाल के दौरान भाजपा विधायक प्रताप सिंह सिंघवी ने अपने क्षेत्र में सड़क निर्माण में देरी सरकार को घेरा। वहीं, श्रीचंद कृपलानी ने कहा कि एक तरफ तो सरकार जनसंख्या नियंत्रण की बात करती है, वहीं ऐसे क्षेत्रों में कम जनसंख्या का हवाला देते हुए सड़क-हॉस्पिटल भी नहीं बनाती है।
शून्यकाल में बीजेपी विधायक जेठानंद व्यास ने प्राइवेट बिजली कंपनियों की मनमानी का मामला उठाया। व्यास ने बीकानेर में बीकेसीएसल पर मनमानी का आरोप लगाते हुए जनता को परेशान करने का आरोप लगाया। स्पीकर वासुदेव देवनानी ने कहा कि अजमेर में टाटा पावर के खिलाफ भी बहुत सी शिकायतें हैं, उस पर भी कार्रवाई कीजिए। ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने कार्रवाई का आश्वासन दिया।
बजट पर गुरुवार, शुक्रवार, सोमवार और मंगलवार को चार दिन बहस होगी। मंगलवार को बहस का सरकार की तरफ से जवाब आएगा।
विधानसभा की कार्य सलाहकार समिति ने 29 जुलाई तक विधानसभा का कामकाज तय कर दिया है। 29 को विधानसभा में राजस्थान का बजट पास होगा। 17 जुलाई को विधानसभा नहीं चलेगी।
18 जुलाई से अलग-अलग विभागों की अनुदान मांगों पर बहस होगी। हर दिन बहस के बाद मंत्री बहस का जवाब देंगे। 8 दिन तक विधानसभा में अलग अलग विभागों की अनुदान मांगों पर बहस होगी।
विधानसभा में गूंजा छात्र संघ चुनाव कराने का मुद्दा-
विधानसभा में छात्र संघ चुनाव करवाने का मुद्दा रविंद्र सिंह भाटी ने उठाया है। भाटी ने सदन के शून्य काल के दौरान कहा कि छात्रसंघ चुनाव राजनीति की प्रथम सीढ़ी हे जो नवीन राजनीतिक पीढ़ी को तैयार करती है। विधानसभा स्पीकर भी छात्र राजनीतिक से आते है। लोकतांत्रिक व्यवस्था में छात्रसंघ चुनाव अपरिहार्य और अनिवार्य है। स्वच्छ, पारदर्शी और नियमित छात्रसंघ चुनाव करवाए जाए जिससे राष्ट्र निर्माण में, राष्ट्र के नीति निर्माण में और राष्ट्र की लोक कल्याणकारी अवधारणा में सहयोग प्रदान करेगा।
दरअसल, राजस्थान की पूर्ववर्ती सरकार ने 2023 में छात्र संघ चुनाव कुलपति समिति की सिफारिश पर रोक लगा दिए थे। इसके बाद स्टूडेंट्स ने प्रदेश भर में चुनाव कराने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। राजस्थान में सरकार बदल गई है लेकिन वर्तमान सरकार चुनाव करवाने के पक्ष में नहीं है। बीते कुछ माह से स्टूडेंट लगातार सरकार से छात्रसंघ चुनाव करवाने की मांग कर रहे है। वहीं नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल भी कई बार अलग-अलग मंचों पर छात्रसंघ चुनाव करवाने की पैरवी कर चुके हैं।
राजस्थान बजट सत्र में शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने विधानसभा में कहा कि कुलपति समिति की सिफारिश के अनुसार छात्रसंघ चुनाव नवीन शिक्षा नीति के प्रभावी क्रियान्वयन में बाधक है। छात्र संघ चुनावों के संबंध में उक्त तर्क पूर्णतः औचित्य हीन हैं।
महिला अत्याचारों के मामलों में अलवर जिला बना अव्वल
जनवरी से लेकर 30 जून तक महिला उत्पीडऩ के लिए 20767
पिछले 6 माह में प्रदेश में महिला अत्याचारों के मामले में अलवर सबसे आगे रहा है। अलवर में पिछले 6 माह में सर्वाधिक 881 महिला अत्याचार से जुड़े मामले सामने आए हैं। वहीं मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का गृह जिला भरतपुर महिला अत्याचार के मामले में दूसरे नम्बर पर रहा है। भरतपुर में 763 महिला उत्पीडऩ के मामले दर्ज हुए हैं। यह जानकारी गुरुवार को विधानसभा सत्र के दौरान लिखित में दी गई। जनवरी से लेकर 30 जून तक महिला उत्पीडऩ के लिए 20767 मामले दर्ज किए हैं। ऐसे में रोजाना औसत 115 मामले दर्ज हो रहे हैं।