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राजस्थान में चक्रवाती बारिश का कहर, कई इलाकों में झमाझम बरसात से बढ़ी ठंडक

राजस्थान में चक्रवाती बारिश का कहर, कई इलाकों में झमाझम बरसात से बढ़ी ठंडक

जयपुर। अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवाती तंत्रों के असर से राजस्थान में बीते दो दिनों से बारिश का दौर लगातार जारी है। बुधवार को भी प्रदेश के 11 जिलों में बारिश का यलो अलर्ट जारी किया गया है। वहीं मंगलवार को कई जिलों में पांच इंच तक बारिश हुई, जिससे नदियां-नाले उफान पर आ गए और मौसम में ठंडक घुल गई। मंगलवार को जयपुर, अजमेर, बीकानेर, भरतपुर, उदयपुर और कोटा संभाग के अधिकांश जिलों में दिनभर बादल छाए रहे और ठंडी हवा चलीं। दोपहर बाद हल्की शीतलहर का अहसास होने लगा। इन इलाकों में अधिकतम तापमान 20 से 30 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा। इस बारिश से सबसे ज्यादा असर भीलवाड़ा जिले में देखने को मिला, जहां दिन का अधिकतम तापमान केवल 19.6 डिग्री सेल्सियस मापा गया। यह अब तक का सीजन का सबसे ठंडा दिन रहा। आश्चर्य की बात यह रही कि भीलवाड़ा का दिन का तापमान कई जिलों जैसे बाड़मेर, जोधपुर, बीकानेर, डूंगरपुर, जालोर, प्रतापगढ़ और झुंझुनूं के रात के न्यूनतम तापमान से भी कम रहा। यानी भीलवाड़ा में दिन में ही इतनी ठंड रही, जितनी अन्य जगहों पर रात में भी नहीं थी।

मौसम केंद्र जयपुर और जल संसाधन विभाग के अनुसार मंगलवार को सबसे ज्यादा बारिश बूंदी के नैणवा में 130 मिलीमीटर (लगभग पांच इंच) हुई। इसके अलावा भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, डूंगरपुर, झालावाड़, कोटा, उदयपुर, प्रतापगढ़, बारां और बांसवाड़ा में भी तीन से चार इंच तक बरसात हुई। भारी बारिश से बीसलपुर बांध में पानी की आवक फिर से शुरू हो गई है। प्रशासन ने बांध का एक गेट खोलकर पानी की निकासी की। उधर, उदयपुर में झीलों का जलस्तर बढ़ने के बाद वहां से भी अतिरिक्त पानी छोड़ा गया। इन इलाकों में बारिश के कारण दिन और रात के तापमान में उल्लेखनीय गिरावट आ गई है। मौसम विभाग के अनुसार, 30 अक्टूबर की शाम से बारिश की गतिविधियां धीरे-धीरे कम होंगी और आसमान साफ होना शुरू हो जाएगा। इसके बाद दो नवंबर तक प्रदेश का मौसम शुष्क रहेगा, लेकिन रात के तापमान में गिरावट आएगी।

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