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संविधान को ‘फिर से लिखना, नष्ट करना’ भाजपा व आरएसएस का कुटिल एजेंडा : मल्लिकार्जुन खरगे

संविधान को ‘फिर से लिखना, नष्ट करना’ भाजपा व आरएसएस का कुटिल एजेंडा : मल्लिकार्जुन खरगे

नयी दिल्ली। कांग्रेस ने रविवार को आरोप लगाया कि संविधान को ‘फिर से लिखना और नष्ट करना” भाजपा व आरएसएस का एजेंडा है और पार्टी के सांसद अनंतकुमार हेगड़े ने कहा है कि उनके दल को “भारतीय संविधान बदलने” के लिए 400 सीट जीतने की जरूरत है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दावा किया कि भाजपा सांसद की कथित टिप्पणी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और संघ परिवार के छिपे हुए इरादों की सार्वजनिक घोषणा है।

पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि भाजपा सांसद का बयान “तानाशाही थोपने के मोदी-आरएसएस के कुटिल एजेंडे को एक बार फिर उजागर करता है। उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, “मोदी सरकार, भाजपा और आरएसएस गुप्त रूप से तानाशाही लागू करना चाहते हैं, जिससे वे भारत के लोगों पर अपनी मनुवादी मानसिकता थोपकर एससी, एसटी और ओबीसी के अधिकार छीन लेंगे।” खरगे ने आरोप लगाया, “कोई चुनाव नहीं होगा, या ज्यादा से ज्यादा दिखावटी चुनाव हो जाया करेंगे। संस्थानों की स्वतंत्रता कम कर दी जाएगी। अभिव्यक्ति की आजादी पर बुलडोजर चलाया जाएगा। आरएसएस और भाजपा हमारे धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने और विविधता में एकता को नष्ट कर देंगे।”

उन्होंने कहा कि कांग्रेस संघ परिवार के इन गुप्त उद्देश्यों को सफल नहीं होने देगी। कांग्रेस प्रमुख ने कहा, न्याय, समानता और स्वतंत्रता संविधान के मजबूत स्तंभ हैं और इन सिद्धांतों में कोई भी बदलाव बाबासाहेब डॉ. आंबेडकर और हमारे श्रद्धेय संस्थापकों ने जिस भारत की कल्पना की थी, उसका अपमान होगा। राहुल गांधी ने आरोप लगाया, नरेन्द्र मोदी और भाजपा का अंतिम लक्ष्य बाबा साहेब के संविधान को नष्ट करना है। उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘भाजपा सांसद का बयान कि उन्हें 400 सीट संविधान बदलने के लिए चाहिए, नरेन्द्र मोदी और उनके ‘संघ परिवार’ के छिपे हुए मंसूबों का सार्वजनिक ऐलान है। नरेंद्र मोदी और भाजपा का अंतिम लक्ष्य बाबा साहेब के संविधान को ख़त्म करना है।”

गांधी ने लिखा, “उन्हें न्याय, बराबरी, नागरिक अधिकार और लोकतंत्र से नफ़रत है। समाज को बांटना, मीडिया को गुलाम बनाना, अभिव्यक्ति की आज़ादी पर पहरा और स्वतंत्र संस्थाओं को पंगु बनाकर विपक्ष को मिटाने की साजिश से वो भारत के महान लोकतंत्र को संकीर्ण तानाशाही में बदलना चाहते हैं।” गांधी ने कहा, “हम आज़ादी के नायकों के सपनों के साथ ये षड्यंत्र सफल नहीं होने देंगे और अंतिम सांस तक संविधान से मिले लोकतांत्रिक अधिकारों की लड़ाई लड़ते रहेंगे। संविधान का हर सिपाही, विशेष रूप से दलित, आदिवासी, पिछड़े और अल्पसंख्यक जागें, अपनी आवाज़ उठाएं - ‘इंडिया’ आपके साथ है।

 

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