
धौलपुर: पंच परिवर्तन-राष्ट्र जागरण विषय पर विचार गोष्ठी आयोजित
धौलपुर। समाज में बड़े परिवर्तन की शुरुआत छोटे-छोटे प्रयासों से ही होती है। जब हम अपने व्यवहार में सुधार लाते हैं तो समाज में सकारात्मक बदलाव होता है। समय पालन, दूसरों की निस्वार्थ मदद, पर्यावरण का ध्यान रखना, पारिवारिक जुड़ाव बनाए रखना ये सब ऐसी आदतें है जिनके पालन से पूरे समाज में सकारात्मक परिवर्तन होगा। आज का समय केवल चर्चा का नहीं बल्कि कर्म का समय है। पंच परिवर्तन का सिद्धांत हर भारतीय को अपने जीवन में अपनाना चाहिए। उपरोक्त बातें भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष व ऑयल इण्डिया कम्पनी लिमिटेड के स्वतन्त्र निदेशक मोतीलाल मीणा ने कही। वे स्वजागृत समाज की ओर से “पंच परिवर्तन-राष्ट्र जागरण" विषय पर दीपावली मिलन की पूर्व संध्या पर आयोजित विचार गोष्ठी के अवसर पर सोना हवेली के प्रेक्षागृह में उपस्थित नागरिकों को मुख्य अतिथि के रुप मे संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह परिवर्तन केवल विचारों तक सीमित नहीं है बल्कि इन्हें हर नागरिक को अपने जीवन में अपनाना चाहिए। समाज कि यह मांग है कि सब लोग समान दृष्टि से एक दूसरे को देखें। ऊंच नीच का भेद समाप्त करना एक विकसित भारत के निर्माण के लिए अत्यंत आवश्यक है। सामाजिक समरसता की स्थापना से ही भारत विकसित राष्ट्र की श्रेणी में खड़ा होगा। उन्होंने संयुक्त परिवार के बारे में संबोधित करते हुए लोगों से कहा कि भारत की परिवार व्यवस्था विश्व के लिए पथ प्रदर्शक का काम करती है, लेकिन आज आधुनिकता के चक्कर में यह व्यवस्था कमजोर पड़ रही है। इसे समझने और फिर से मजबूत करने की आवश्यकता है। यदि परिवार व्यवस्था समाप्त हो गई तो हमारे पूर्वजों ने जो सांस्कृतिक मूल्य स्थापित किये हैं वे धीरे-धीरे समाप्त हो जाएंगे। इसी क्रम में उन्होंने पर्यावरण संरक्षण पर जोर देते हुए कहा कि आज आधुनिकता के चक्कर में हम तेजी से घर तो बना रहे हैं, लेकिन उस आड़ में कटते हुए वृक्षों की चिंता हम नहीं कर रहे, इससे आने वाला समय बहुत दुष्कर होगा। हम यदि एक पेड़ काटते हैं तो उसके बदले कम से कम 10 पेड़ लगाया जाना चाहिए, यदि इसकी चिंता कर ली जाए तो प्रकृति सुरक्षित रहेगी। वहीं उन्होंने स्वदेशी अपनाने पर जोर देते हुए कहा कि भारत को यदि आत्मनिर्भर बनाना है तो स्वदेशी जीवन शैली को अपनाना हीं पड़ेगा। छोटी-छोटी बातों से बड़ा परिवर्तन होगा। वहीं उन्होंने नागरिक कर्तव्य पर भी प्रकाश डाला और कहा कि कुछ ऐसे कर्तव्य हैं जिनका पालन एक सामान्य नागरिक के रूप में हमको करना चाहिए। इसके लिए कोई कहने नहीं जाएगा, बल्कि ये कर्तव्य स्वस्फूर्त होते हैं। हम सबको इन नागरिक कर्तव्यों के प्रति जागरूक रहना होगा। गोष्ठी के शुभारंभ में मुख्य अतिथि मीणा, कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रो.डीके बंसल, विशिष्ठ अतिथि गिर्राज सिंह मलिंगा, मुकेश गर्ग और सुरेश गोस्वामी का विभिन्न सामाजिक, सांस्कृतिक, साहित्यिक, छात्र, खेल, व्यापारी, किसान आदि संगठनों के कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया। विशिष्ठ अतिथियों ने भी कार्यक्रम में पंच परिवर्तन पर अपने विचार प्रकट कर समाज को इन्हें अपनाने पर बल दिया। संचालन विश्वम्भर दयाल शर्मा ने किया। इस मौके पर जिले के प्रबुद्ध जन बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।