Dark Mode
बिना तैयारी शुरू किए गए अंग्रेजी स्कूल, बच्चों के भविष्य से खिलवाडः- वासुदेव देवनानी

बिना तैयारी शुरू किए गए अंग्रेजी स्कूल, बच्चों के भविष्य से खिलवाडः- वासुदेव देवनानी

जयपुर। पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने एक बयान जारी कर कहा कि राजस्थान की कांग्रेस सरकार की ओर से सरकारी अंग्रेजी मीडियम स्कूल खोलने में दिखाई गई जल्दबाजी अब बच्चों के भविष्य पर असर डाल रही है। बिना तैयारी और व्यवस्थाओं के शुरू किए गए इन स्कूलों में बच्चों को ना पढाई का माहौल मिल पा रहा है और ना ही उनका विकास हो रहा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलाते ने चुनावी साल में सियासी लाभ लेने के लिए 200 से अधिक अंग्रेजी माध्यम के स्कूल खोल दिए लेकिन इनमें सुविधाओं को कोई विस्तार नहीं किया।
हालात यह है कि इन अंग्रेजी स्कूलों में बच्चों के पढाने के लिए कोई अंग्रेजी का टीचर ही नहीं है। हालात बिगडते देख पिछले दिनों की शिक्षा विभाग ने एक परिपत्र जारी कर अंग्रेजी मीडियम की सरकारी स्कूलों में केवल 5वीं कक्षा तक ही कक्षाएं संचालित करने के लिए कहा है जबकि पूर्व में इन स्कूलों में 8वीं कक्षा तक के बच्चों को एडमिशन दे दिए थे।
पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि राज्य सरकार ने तीन साल पहले प्रत्येक जिले में एक एक सरकारी अंग्रेजी मीडियम स्कूल खोले थे। इसके बाद महज दो साल में स्कूलों की संख्या बढाकर 770 से अधिक कर दी गई। बिना तैयारी के खोले गए इन स्कूलों के सामने स्कूलों के भवन को लेकर समस्या रही तो हिन्दी मीडियम से अंग्रेजी मीडियम में परिवर्तन करने के बाद स्कूलों को दो पारियों में संचालित कर पढाई के नाम पर खानापूर्ति की गई।
उन्होंने कहा कि सरकार की जल्दबादी और अव्यवस्था का परिणाम है कि राजस्थान के कई जिलों में शिक्षकों के सैकड़ों पद खाली हैं। महात्मा गांधी स्कूल अभी शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं। सरकार के द्वारा टीचरों की नई भर्ती की गई है मगर जितनी मांग है उसके मुकाबले शिक्षकों की पूर्ति फिलहाल होती नहीं दिख रही है।

Comment / Reply From

You May Also Like

Newsletter

Subscribe to our mailing list to get the new updates!