जोधपुर/जयपुर : केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह का जोधपुर दौरा
- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने दिव्यांग शब्द से पूरे देश के नजरिये को बदला
- प्रधानमंत्री के नेतृत्व में 10 वर्षों में 31 लाख लोगों को दिए कृत्रिम अंग
- केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह
- दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम दिव्यांगजनों के सशक्त जीवन का माध्यम बना
- दिव्यांगजनों का जीवन सरल, सहज और स्वाभिमानी हो, यही राज्य सरकार का ध्येय : मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा
जोधपुर/जयपुर। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने कहा कि जब व्यक्ति अपने जीवन को सेवा कार्यों से जोड़ता है और विशेषकर दिव्यांगों के लिए तब वह समाज के अन्य व्यक्तियों को भी प्रेरित करता है। जिससे अन्य लोग भी सेवा कार्य से जुड़ते हैं। उन्होंने कहा कि श्रीमती सुशीला बोहरा श्री पारसमल बोहरा नेत्रहीन महाविद्यालय का लम्बे समय से संचालन कर दिव्यांगों की सेवा कर रही हैं तथा इस कार्य से समाज के विशिष्ट लोग भी जुड़े हैं। श्री शाह रविवार को जोधपुर के रामराज नगर चौखा में श्री पारसमल बोहरा नेत्रहीन महाविद्यालय के नवीन महाविद्यालय भवन, बॉयज हॉस्टल व गर्ल्स हॉस्टल के शिलान्यास समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि लगभग 15 करोड़ रुपये की लागत से महाविद्यालय में 3 नवीन भवनों का शिलान्यास हुआ है और उन्हें आशा है कि इनका निर्माण कार्य समय से पूर्ण होगा, जिससे दिव्यांग बच्चों के जीवन में उम्मीद का उजियारा आएगा। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि श्रीमती सुशीला बोहरा ने 5 विद्यालय, 2 महाविद्यालय और निःशुल्क शिक्षा, छात्रावास, भोजन और जरुरतमंदों को ऑडियो बुक्स, रिकॉर्ड लेक्चर्स, ब्रेल प्रिंटिंग प्रेस, स्क्रीन रीडर, कम्प्यूटर लैब तथा पुस्तकालय के माध्यम से सैकड़ों दृष्टिबाधित बच्चों के जीवन में ज्ञान और दृष्टि का प्रकाश प्रसारित किया है। उन्होंने कहा कि यह गर्व का विषय है कि यहां के बच्चे सरकारी बैकिंग व निजी क्षेत्र में काम कर रहे हैं और सर्वोच्च न्यायालय में वकालत भी कर रहे हैं।
सामाजिक सेवा के कार्यों में सभी दें अपना योगदान- श्री शाह ने कहा कि समाज के सामने अनेक चुनौतियां हैं, विशेषकर दिव्यांग नागरिक, दिव्यांग बच्चे और दिव्यांग माताओं के जीवन में समस्याओं को दूर करने के लिए अनेक कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सामाजिक सेवा के जो कार्य होते हैं और उसमें अलग-अलग क्षेत्रों के लोग जब योगदान देते हैं तब परिवर्तन आता है। इस तरह के योगदान से देश के दिव्यांग बच्चों के लिए अच्छा जीवन और कैरियर की सुनिश्चितता की जा सकती है।
प्रधानमंत्री ने विकलांग की जगह किया दिव्यांग शब्द का प्रारम्भ- केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि श्री पारसमल बोहरा नेत्रहीन महाविद्यालय राजस्थान का प्रमुख नेत्रहीन महाविद्यालय है। उन्होंने कहा कि जब समाज में दिव्यांगों को दया की जगह दिव्यता का प्रतीक मानने की शुरूआत होती है। तब सही अर्थों में दिव्यांगजनों के लिए काम होता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2015 में पहली बार पूरे देश में विकलांग शब्द की जगह दिव्यांग शब्द का प्रयोग करना प्रारम्भ किया। प्रधानमंत्री के इस फैसले से देश के लोगों और सभी राज्य सरकारों का दिव्यांगजनों के प्रति देखने का नजरियां बदला।
श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि ईश्वर जब किसी को कुछ चीज नहीं देता है तो उसको जीवटता के लिए कुछ विशेष भी देता है। उस विशेषता के आधार पर दिव्यांग राष्ट्र निर्माण में जुड़ सकते हैं और अपने जीवन को आगे बढ़ा सकते हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान के खिलाड़ी श्री देवेन्द्र झाझडिया ने पैरालंपिक खेल में स्वर्ण पदक जीत कर देश का तिरंगा फहराने का काम किया।
तीन पैरालंपिक में भारत ने 52 पदक जीते- केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने दिव्यांगों में खेल के कौशल को बढ़ाने के लिए उचित मंच दिया जिससे श्री देवेन्द्र झाझडिया जैसे अनेक खिलाड़ी राष्ट्र के लिए स्वर्ण पदक लेकर आए। उन्होंने कहा कि विश्व में पैरालंपिक खेलों की शुरूआत वर्ष 1960 में हुई। तब से लेकर वर्ष 2012 तक इन खेलों में भारत को केवल 8 पदक मिले थे। पिछले तीन पैरालंपिक खेलों में भारत ने 52 पदक जीते हैं और खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने का काम किया है।
दिव्यांगजनों को उचित मंच और सहयोग की आवश्यकता- श्री शाह ने कहा कि समाज, सरकार और स्वयंसेवी संस्थाएं दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए मिलकर कार्य करंे तो कुछ भी असंभव नहीं है। दिव्यांगजन कलक्टर भी बन सकते हैं, डॉक्टर बन कर इलाज कर सकते हैं और अपने उद्योग की शुरूआत भी कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें उचित मंच और सहयोग की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि श्रीमती सुशीला बोहरा के नेतृत्व में संचालित नेत्रहीन विकास संस्थान जैसी और अनेक संस्थाओं को भी दिव्यांगजनों के लिए कार्य करने की दिशा में आगे आना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग का बजट बढ़ाया- केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग के बजट को बढ़ाने का काम किया है। उन्होंने वर्ष 2014 में जो बजट 338 करोड़ रुपये था उसे अब 1313 करोड़ रुपये तक पहुंचाने का काम किया है। दिव्यांगों के लिए अनेक सुविधाएं भी दी हैं। सुगम्य भारत अभियान के तहत भारत सरकार के 1314 भवनों में 563 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। इसके अतिरिक्त 1748 इमारतों को दिव्यांगों के लिए सुगम्य बनाने का काम किया गया है। 35 अंतरराज्य हवाई अड्डे और 55 घरेलू हवाई अड्डों को दिव्यांजनों के लिए सुगम्य बनाया गया है। श्री शाह ने कहा कि वर्ष 2014 से पहले 7 लाख लोगों को कृत्रिम अंग मिले। लेकिन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 10 वर्षों में ही 18 हजार शिविरों के जरिए 31 लाख लोगों को कृत्रिम अंग देने का काम किया गया है। उन्होंने कहा कि इससे दिव्यांगजनों का जीवन आसान बना है।
केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह के निर्णय स्वर्ण अक्षरों में अंकित - मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने ऐसे अनेक निर्णय लिए हैं, जो इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित हुए हैं, साथ ही उन पर हर भारतवासी को गर्व भी होता है। जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने, आतंकवाद पर अंकुश लगाने और जम्मू-कश्मीर को देश की मुख्यधारा से जोड़ने का श्रेय यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के साथ ही गृह मंत्री श्री अमित शाह को भी जाता है।
तीन ऐतिहासिक कानून आपराधिक न्याय प्रणाली बदलने में महत्वपूर्ण- श्री शर्मा ने कहा कि केन्द्रीय गृह मंत्री ने भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के रूप में तीन ऐतिहासिक कानून लाकर भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सीएए कानून लाकर पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक आधार पर प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता देने का भी महत्वपूर्ण कार्य किया है।
नवीन भवन दिव्यांग बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की रखेंगे नींव- मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह के कर कमलों से श्री पारसमल बोहरा नेत्रहीन महाविद्यालय में नए भवनों का शिलान्यास हम सब के लिए गौरवपूर्ण क्षण है। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय भवन (मोतीलाल ओसवाल ज्ञानदीप भवन), गर्ल्स हॉस्टल (मोतीलाल ओसवाल ज्योति सदन) और बॉयज हॉस्टल (एच जी फाउंडेशन दिव्य ज्योति भवन) की नींव रखी गई है। ये भवन दिव्यांग बालक-बालिकओं के उज्ज्वल भविष्य की नींव रखेंगे, उनके लिए शिक्षा, सम्मान और स्वावलंबन के नए द्वार खोलेंगे। उन्होंने कहा कि संस्थान ने अब तक 4 हजार 626 नेत्रहीन, मूक-बधिर और मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों को शिक्षित करने के साथ ही समाज में सम्मानजनक स्थान दिलाया है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी दिव्यांगजनों के लिए बेहद संवेदनशील- श्री शर्मा ने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी दिव्यांगजनों के प्रति बेहद संवेदनशील हैं, इसलिए इनके जीवन को आसान बनाने के लिए सबसे पहले ‘विकलांग’ शब्द के स्थान पर ‘दिव्यांग’ शब्द को प्रचलित करने का फैसला लिया। ये सिर्फ शब्द का परिवर्तन नहीं था, इसने समाज में दिव्यांगजनों की गरिमा भी बढ़ाई और दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम भी इसी भाव से लागू किया। उन्होंने कहा कि ये कानून दिव्यांगजनों के सशक्त जीवन का माध्यम बन रहा है और इससे दिव्यांगजनों के प्रति समाज की धारणा भी बदली है। साथ ही, आज दिव्यांग साथी भी विकसित भारत के निर्माण के लिए अपनी संपूर्ण शक्ति के साथ काम कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का भी यही ध्येय है कि दिव्यांग भाई-बहनों का जीवन सरल, सहज और स्वाभिमानी हो। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि हम सब मिलकर एक ऐसा राजस्थान बनाएं, जहां हर व्यक्ति को सम्मान और अवसर मिले, जहां शिक्षा और स्वावलंबन से हर जीवन रोशन हो और जहां दिव्यांगता कोई कमजोरी नहीं, बल्कि सामर्थ्य की प्रतीक बने।
केन्द्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि श्री पारसमल बोहरा नेत्रहीन महाविद्यालय में नवीन भवनों के निर्माण की नींव रखी गई है। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों को सहारा, संबल और क्षमताओं में संवर्द्धन की आवश्यकता है। दिव्यांगजनों के आत्मसम्मान को जागृत करते हुए स्वावलंबन की दिशा में उन्हें आगे ले जाने के लिए महाविद्यालय में शिक्षा से संबंधित बनने वाले नवीन भवन महत्वपूर्ण साबित होंगे। उन्होंने कहा कि जोधपुर सदियों से करुणा और संस्कृति की प्रमुख राजधानी रहा है। यहां के लोग अपनी व्यक्तिगत भावनाओं से प्रेरित होकर समाज के जरुरतमंद लोगों की मदद के लिए सदैव तत्पर रहते हैं।
इससे पहले केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने नेत्रहीन विकास संस्थान की संस्थापक अध्यक्ष श्रीमती सुशीला बोहरा की जीवनी ‘मैं न थकी न हारी‘ पुस्तक के ब्रेल लिपी संस्करण का विमोचन किया। इसके अतिरिक्त कार्यक्रम में भामाशाहों का सम्मान भी किया गया।
इस अवसर पर न्यायाधीश सर्वोच्च न्यायालय श्री संदीप मेहता, श्री विजय विश्नोई, शिक्षा मंत्री श्री मदन दिलावर, संसदीय कार्य मंत्री श्री जोगाराम पटेल, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री अविनाश गहलोत, उद्योग एवं वाणिज्य राज्य मंत्री श्री के.के. विश्नोई, श्रीमती सुशीला बोहरा, श्री अनिल बोहरा, भामाशाह श्री मोतीलाल ओसवाल, श्री विजेन्द्र सिंह चौधरी, श्रीमती प्रियंका सिंह सहित गणमान्यजन व बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित रहंे।