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ममता ने बीएसएफ पर मतदाताओं को डराने का आरोप लगाया, बीएसएफ ने आरोप को बेबुनियाद बताया

ममता ने बीएसएफ पर मतदाताओं को डराने का आरोप लगाया, बीएसएफ ने आरोप को बेबुनियाद बताया

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को आरोप लगाया कि सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ‘‘भाजपा के इशारे पर’’ राज्य के सीमावर्ती इलाकों में मतदाताओं को डराने का काम कर रहा है। वहीं, बीएसएफ ने इस आरोप का खंडन करते हुए इसे निराधार बताया। बनर्जी ने आरोप लगाया कि बीएसएफ का ‘‘निर्दोष ग्रामीणों पर गोलियां चलाना’’ निंदनीय है और पुलिस से उसकी गतिविधियों पर नजर रखने को भी कहा। उन्होंने यहां एक रैली में कहा, ‘‘मुझे जानकारी मिली है कि पंचायत चुनाव से पहले बीएसएफ के कुछ अधिकारी सीमावर्ती क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं, मतदाताओं को धमका रहे हैं और उन्हें वोट न देने के लिए कह रहे हैं। मैं लोगों से कहूंगी कि वे डरें नहीं और निडर होकर चुनाव में हिस्सा लें।’’ पिछले साल ग्रामीणों पर बीएसएफ की कथित गोलीबारी का जिक्र करते हुए बनर्जी ने कहा, ‘‘पुलिस ऐसे मामलों में प्राथमिकी दर्ज करेगी और कानून अपना काम करेगा।’’
उन्होंने कहा, “उन्हें किसी को गोली मारने का अधिकार नहीं है। कोई भी कानून से ऊपर नहीं है; ऐसा लगता है कि कूचबिहार जिले में लोगों को मारना एक आम बात हो गया है।” बीएसएफ ने जिन पर गोलियां चलायी थीं, उनके बारे में उसने तस्कर होने का दावा किया था। बीएसएफ गुवाहाटी फ्रंटियर ने आज एक बयान में कहा, ‘‘यह बताना है कि कूचबिहार में एक रैली में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने बीएसएफ पर जो आरोप लगाए हैं, वे पूरी तरह बेबुनियाद एवं सत्य से परे हैं।’’ इसने कहा कि बीएसएफ एक पेशेवर बल है जिसे भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमा की चौकसी करने का जिम्मा मिला है और उसने ‘‘किसी भी सीमावर्ती क्षेत्र में लोगों या मतदाताओं को किसी भी वजह से कभी नहीं डराया-धमकाया।’’ इसने यह भी कहा कि बीएसफ कर्मियों को भी चुनाव ड्यूटी में लगाया जाता है और वे स्थानीय प्रशासन की निगरानी में अपना काम करते हैं। बनर्जी ने कहा कि कानून-व्यवस्था राज्य का विषय है और इसमें केंद्र की कोई भूमिका नहीं है।

उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस आठ जुलाई के ग्रामीण चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को मात देगी। उन्होंने कहा, ‘‘हम केंद्र में भाजपा को हराएंगे और देश में विकासोन्मुखी सरकार लाएंगे।’’ भाजपा ने राजनीतिक मकसद के लिए बीएसएफ का इस्तेमाल करने के आरोपों को बेबुनियाद करार दिया। पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, “ऐसी टिप्पणियां अस्वीकार्य हैं और हमारे सुरक्षाबलों का अपमान हैं। ये टिप्पणियां टीएमसी की मानसिकता को दर्शाती हैं क्योंकि वह बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाए जाने के बाद से उसके खिलाफ है।” उल्लेखनीय है कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने 2021 में बीएसएफ अधिनियम में संशोधन किया था ताकि बल को पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में अंतरराष्ट्रीय सीमा से 15 किमी के बजाय 50 किमी के दायरे में तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी करने के लिए अधिकृत किया जा सके। बनर्जी ने यह भी आरोप लगाया कि मणिपुर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चुप हैं। मणिपुर में जातीय हिंसा में 100 से अधिक लोगों की जान गयी है।

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