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भ्रष्टाचारी नेताओं के खिलाफ मोदी सरकार ने कसा शिकंजा

भ्रष्टाचारी नेताओं के खिलाफ मोदी सरकार ने कसा शिकंजा

मोदी सरकार ने लोकसभा चुनाव से पूर्व भ्रष्टाचारी नेताओं के खिलाफ कार्यवाही तेज करदी है।
इनमें लालू यादव परिवार, हेमंत सोरेन, बंगाल के तृणमूल कांग्रेस के मंत्री और नेता और
महाराष्ट्र में शरद पवार परिवार तथा दिल्ली में केजरीवाल की पार्टी के नेता प्रमुख है। बताया
जाता है सरकार की सभी जाँच एजेंसियों ने भ्रष्टाचारी नेताओं के विरुद्ध घोटालों के पुख्ता सबूत
जुटा लिए है। झारखण्ड के मुख्यमंत्री सोरेन तथा बिहार में सत्ता से बेदखल होने के बाद लालू
यादव के परिवार की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही है। सोरेन के खिलाफ जो सबूत मिले है उससे
सोरेन पर गिरफ़्तारी की तलवार लटक रही है। आरजेडी प्रमुख लालू यादव के परिवार पर प्रवर्तन
निदेशालय ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। प्रवर्तन निदेशालय ने 29 जनवरी को लालू यादव
और 30 जनवरी को उनके पुत्र तेजस्वी से जमीन के बदले नौकरी घोटाले में लम्बी पूछताछ की
है। इस केस में ईडी ने चार्जशीट दाखिल की है जिसमें लालू यादव की दो बेटियों मीसा भारती
और हेमा यादव समेत उनकी पत्नी राबड़ी देवी का भी नाम शामिल है। चार्जशीट में इस बात का
भी जिक्र किया गया है कि पूर्व मुख्यमंत्री और लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी ने इस घोटाले से मिले पैसों
से तेजस्वी यादव को दिल्ली में बंगला खरीदकर दिया है। यह बंगला दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में है.
जिसे तेजस्वी ने अमित कात्याल से खरीदा था और इस फ्लैट के पूर्व मालिक कात्याल इसी मामले में
फिलहाल जेल की सलाखों के पीछे हैं। इस मामले के जांच अधिकारी ने धन शोधन निवारण अधिनि के
तहत लालू प्रसाद यादव का बयान दर्ज किया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ने लालू से 70 से ज्यादा सवाल
पूछे गए। हर सवाल का जवाब देने में लालू को तकरीबन डेढ़ से दो मिनट का समय लगा। ED ने लालू से
पूछा कि नौकरी देने के बदले कितने लोगों से जमीन ली? पटना में मरछिया देवी कॉम्प्लेक्स में फ्लैटों की
खरीद और बिक्री को लेकर सवाल पूछा। पटना में ली गई 1 लाख, 5 हजार 292 वर्गफीट जमीन के बारे में
सवाल किए गए। दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी की प्रॉपर्टी और मेसर्स एके इंफोसिस्टम प्रा. लि. को बेची गई
जमीन के बारे में भी सवाल पूछे गए। इस फर्म को जमीन बेचने वाले लालू यादव के दो भतीजों को रेलवे में
नौकरी दी गई थी। अभ्यर्थियों से 'चार प्लॉट सिर्फ 7.5 लाख रुपए में खरीदे जाने' और पूर्व CM राबड़ी देवी
द्वारा ‘अबू दोजाना को 3.5 करोड़ में जमीन बेचे जाने को लेकर भी सवाल पूछा गया। लैंड फॉर जॉब घोटाले
में तेजस्वी यादव, लालू यादव, राबड़ी देवी, मीडिल मैन, अलग-अलग तत्कालीन सरकारी अधिकारियों के
खिलाफ फ्रेश चार्जशीट दाखिल हुई है। इससे पहले लैंड फॉर जॉब के एक अलग जोन में लालू और राबड़ी के
खिलाफ चार्जशीट अलग दाखिल हो चुकी है। इस मामले में वो जमानत पर हैं। यह कथित घोटाला उस

समय हुआ था, जब लालू यादव 2004-09 की अवधि के दौरान केंद्र यूपीए-1 नीत सरकार में रेल मंत्री थे।
सीबीआई का आरोप है कि भारतीय रेलवे के विभिन्न क्षेत्रों में समूह 'डी' के पदों पर विभिन्न व्यक्तियों को
नियुक्त किया गया था और इसके बदले में संबंधित व्यक्तियों ने तत्कालीन रेल मंत्री लालू यादव के परिवार
के सदस्यों को और इस मामले में लाभार्थी कंपनी के इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड' को अपनी जमीन
हस्तांतरित की थी।
गौरतलब बिहार का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार चारा घोटाला था जिसमें पशुओं को खिलाये जाने वाले चारे के
नाम पर 950 करोड़ रुपये सरकारी खजाने से फर्जीवाड़ा करके निकाल लिये गये। केंद्र सरकार गरीब
आदिवासियों को अपनी योजना के तहत गाय, भैंस, मुर्गी और बकरी पालन के लिए आर्थिक मदद मुहैया
करा रही थी। इस दौरान मवेशी के चारे के लिए भी पैसे आते थे। लेकिन गरीबों के गुजर-बसर और पशुपालन
में मदद के लिए केंद्र सरकार की तरफ से आए पैसे का गबन कर लिया गया था । 1996 में चारा घोटाले का
मामला बाहर निकला 1996 में बिहार के मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव थे । लालू के मुख्यमंत्री रहते ही चारा
घोटाला सामने आया। आश्चर्य इस बात का है जन धन पर डाका डालने वालों को अपने किये पर कोई
पछतावा नहीं है। लगातार जेल की हवा खाने वाले ये नेता जातीय राजनीति के बड़े पुरोधा है।

 -  बाल मुकुन्द ओझा 

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