एनसीपी दो फाड़: विपक्ष की एकता को बड़ा झटका
महाराष्ट्र में एनसीपी के दो फाड़ हो जाने से विपक्ष की संभावित एकता को भारी धक्का लगा है। सियासी
तूफान के काले बादल विपक्षी एकता पर भी मंडराने लगे हैं। कहा जा रहा है कि शरद पवार के राहुल गांधी के
साथ जाने की वजह से अजित पवार और एनसीपी के दूसरे नेता नाराज नाराज थे। कुछ नेताओं ने महाराष्ट्र
के घटनाक्रम से बिहार को जोड़ते हुए वहां भी उलटफेर से इंकार नहीं किया है। हालाँकि शरद पवार ने कहा है
वो नए सिरे से पार्टी को संगठित करेंगे। इससे पूर्व भी ऐसे कई झटके झेल चुके है। राहुल गाँधी सहित विपक्ष
के अनेक नेताओं ने पवार से बात की है। सियासी क्षेत्रों में यह बड़ी चर्चा है की विपक्ष की एकता के अगवा
बने शरद पवार अपने ही घर में हार गए है। लोकसभा चुनाव से पहले इतने बड़े राजनीतिक घटनाक्रम ने
विपक्षी दलों के नेताओं को भी अंदर तक हिला दिया है। जहां एक तरफ विपक्षी दल लोकसभा चुनाव में
बीजेपी को पस्त करने की रणनीति बनाने में व्यस्त हैं, ऐसे में एक विपक्षी दल के ही दो फाड़ हो जाना,
विपक्ष के लिए शुभ संकेत नहीं है। रविवार के घटनाक्रम से पहले ही विपक्ष में एकता कायम करने की
कोशिशें बड़े विपक्षी दलों के बीच मतभेदों से प्रभावित हुईं। इनमें आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच
खुला मतभेद तथा पश्चिम बंगाल में तृणमूल और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप शामिल हैं। शह और
मात के खेल में सियासत के चाणक्य समझे जाने वाले शरद पवार गच्चा खा गए है। इसके उलटफेर की
पटकथा लंबे समय से लिखी जा रही थी। लेकिन सवाल ये कि क्या शरद पवार ने इस बार कोई बड़ी चूक कर
दी? क्या शरद पवार अपनी ही पार्टी में चल रही गतिविधियों को नहीं समझ पाए। अजित पवार ने अपने
चाचा शरद पवार को बड़ा झटका देते हुए रविवार को शिंदे मंत्रिमंडल में अपने आठ साथियों के साथ उप
मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली। महाराष्ट्र में रविवार से ट्रिपल इंजन की सरकार हो गई। एनसीपी में पड़ी फूट
ने सूबे में सियासी भूचाल ला दिया है। खासतौर पर एनसीपी के अंदर दूसरे गुट में खलबली मची हुई है।
दोपहर ढाई बजे के करीब अजित पवार ने मंत्री पद की शपथ ली। वे उपमुख्यमंत्री के तौर पर सरकार में
शामिल हुए। उनके साथ छगन भुजबल, दिलीप वाल्से पाटिल, हसन मुश्रीफ, रामराजे निंबालकर, धनंजय
मुंडे, अदिति तटकरे, संजय बनसोडे और अनिल भाईदास पाटिल ने भी मंत्री पद की शपथ ली।
यह पांचवी बार है जब पवार ने डिप्टी सीएम के रूप में शपथ ली है। अजित पवार ने पार्टी के कुल 53
विधायकों में से अपने साथ चालीस विधायकों का दावा किया है। इसी के साथ महाराष्ट्र में महा विकास
अघाड़ी के परखचे उड़ गए है। अजित ने एनसीपी के चुनाव चिन्ह पर भी अपना दावा ठोंका है। िस्सवे पूर्व
शिवसेना भी दो फाड़ हो गयी थी। एकनाथ शिंदे ने पार्टी तोड़ कर अपनी सरकार बनाने में सफलता हासिल
की थी। एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल पटेल भी अजित के साथ थे। इसे 2024 के लोकसभा चुनाव के
साथ भी जोड़ कर देखा जा रहा है। अब सवाल यह उठता है कि आखिर महाराष्ट्र की राजनीति में अब आगे
क्या होगा? शरद पवार के पास पार्टी बचाने के लिए क्या विकल्प है? क्या एनसीपी अब पूरी तरह से अजित
पवार की हो जाएगी।
एनसीपी में दो फाड़ से जहाँ दिग्गज नेता शरद पवार कमजोर हुए है वहां विपक्ष की एकता को भी गहरा
आघात लगा गए। शरद पवार पार्टी अध्यक्ष पद छोड़ सकते है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने ये भी
कहा कि अजित पवार के आने से राज्य के विकास में और फायदें होंगे। एकनाथ शिंदे ने कहा कि विकास के
मुद्दे पर सभी साथ आए हैं। ये राज्य विकास कर रहा है लिहाजा अजित दादा साथ में आए हैं। अब महाराष्ट्र
में और तेजी से विकास होगा। इसी बीच एक सियासी सूत्र ने यह दावा भी किया की देवेंद्र फडणवीस शीघ्र नए
सीएम हो सकते है।
-बाल मुकुन्द ओझा