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फ्लड वाटर रेस्क्यू मॉक एक्सरसाइज में एनडीआरएफ टीम ने दिखाई दक्षता

फ्लड वाटर रेस्क्यू मॉक एक्सरसाइज में एनडीआरएफ टीम ने दिखाई दक्षता

  • एनडीआरएफ की ओर से कलक्टर अभिषेक सुराणा, एसपी जय यादव की मौजूदगी में गाजसर गिनाणी में बाढ़ राहत रेस्क्यू

चूरू। एनडीआरएफ की ओर से जिला मुख्यालय के नजदीकी गाजसर गिनाणी पर शनिवार को आयोजित फ्लड वाटर रेस्क्यू मॉक एक्सरसाइज में एनडीआरएफ टीम ने बाढ़ग्रस्त लोगों को आपदा से बचाने को लेकर गतिविधियां कीं।

एनडीआरएफ के राजस्थान प्रभारी योगेश मीणा के मार्गदर्शन और निरीक्षक राजेंद्र प्रसाद भाटी के नेतृत्व में आयोजित इस मॉक एक्सरसाइज में बाढ़ के दौरान उपजी विभिन्न प्रतिकूल परिस्थितियों में लोगों को बचाने, उपलब्ध घरेलू संसाधनों का उपयोग राफ्टिंग के लिए करने, डूबते हुए लोगों को बचाने, बाढ़ग्रस्त क्षेत्र में फंसे व्यक्तियों को निकालने, डूबे हुए व्यक्तियों के पेट से पानी निकालने व उनका उपचार करने सहित विभिन्न गतिविधियों और आपदा राहत के विभिन्न तरीकों का प्रदर्शन किया गया। एनडीआरएफ टीम ने सभी गतिविधियों में तत्परता दिखाते हुए आपदा ग्रस्त लोगों को राहत प्रदान की।

इस मौके पर जिला कलक्टर अभिषेक सुराणा ने एनडीआरएफ बचाव दल की गतिविधियों की सराहना करते हुए कहा कि यह एक्सरसाइज स्थानीय अधिकारियों, लोगों के लिए भी उपयोगी साबित होगी। हादसे कभी भी, कहीं भी हो सकते हैं। आपदा कभी कहकर नहीं आती। ऎसे में सभी लोगों को इस संबंध में सामान्य जानकारी तो रहनी ही चाहिए। यह प्रदर्शन स्थानीय टीम की क्षमता और लोगों की जागरुकता में इजाफा करेगा।

एसपी जय यादव ने कहा कि आपदा के समय जागरुकता, आपसी सामंजस्य और साहस काफी उपयोगी रहता है। सब लोगों को मिल-जुलकर काम करना होता है। हम सभी को इस संबंध में जागरुक रहना चाहिए तथा अन्य लोगों को भी जागरुक करना चाहिए। यह काम काफी जोखिम का भी होता है लेकिन दायित्व और देश सेवा में जोखिम नहीं देखी जाती।

एनडीआरएफ राजस्थान प्रभारी योगेश कुमार मीणा ने रेस्क्यू की जानकारी देते हुए बताया कि एनडीआरएफ सभी प्रकार की आपदाओं में काम करता है। इसलिए सभी प्रकार की आशंकाओं पर गतिविधियों, मॉकड्रिल का आयोजन किया जाता है। उन्होंने कहा कि त्वरित रिस्पॉन्स और सही रणनीति किसी भी खतरे के नुकसान को काफी कम कर देती है। उन्होंने बताया कि खुले बोरवेल सही ढकवाए जाने चाहिए। कोई भी व्यक्ति खुला बोरवेल देखे तो उसे संबंधित को कहकर अथवा प्रशासन को सूचित कर बोरवेल ढकवाए जाने की कार्यवाही करनी चाहिए। यह भविष्य के किसी बड़े हादसे की आशंका को टाल देता है।

इससे पूर्व गाजसर गिनाणी टूटने की सूचना पर एडीएम अर्पिता सोनी, सीईओ श्वेता कोचर, एसडीएम बिजेंद्र सिंह, एएसपी लोकेंद्र दादरवाल, डीवाईएसपी सुनील झाझड़िया, एडीपीआर कुमार अजय, कमिश्नर अभिलाषा सिंह, पशुपालन संयुक्त निदेशक ओमप्रकाश, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ निरंजन चिरानियां, डीईओ गोविंद सिंह राठौड़, डीएफओ भवानी सिंह, प्रेम कुमार, गजेंद्र सिंह, यशवंत सहित पुलिस, प्रशासन, जलदाय, विद्युत, पशुपालन सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी, कार्मिक, मीडियाकर्मी घटनास्थल पर पहुंचे।

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