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विकास को तरसता रहा राजस्थान: पियूष गोयल

विकास को तरसता रहा राजस्थान: पियूष गोयल

मदनगंज किशनगढ़। भाजपा प्रत्याशी भागीरथ चौधरी के समर्थन में आर के कम्युनिटी सेंटर में आयोजित प्रबुद्ध नागरिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री पियूष गोयल ने कहा कि गहलोत सरकार 4 साल कुर्सी की लड़ाई लड़ती रही। कांग्रेस सरकार ने भ्रष्टाचार और तुष्टीकरण को बढ़ावा दिया। उन्होने कहा कि राजस्थान में बीते 5 साल के शासन में से 4 साल तक गहलोत सरकार कुर्सी की लड़ाई के साथ-साथ भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण को बढ़ावा देने में लगी रही। इस सरकार ने विकास तो छोड़िए, केन्द्रीय योजनाओं की क्रियान्विति, पानी- बिजली समेत अन्य मूलभूत सुविधाओं जुटाने तक का प्रयास नहीं किया। राजस्थान तीन तरफ से गुजरात, हरियाणा और उत्तरप्रदेश जैसे राज्यों से घिरा है। इन तीनों राज्यों के मुकाबले राजस्थान में विकास की दर काफी कमजोर है। राजस्थान में किशनगढ़ मार्बल- ग्रेनाइट और कपड़े के निर्यात के हब के तौर पर उभरा है, लेकिन यहां के कारोबारी भी बिजली जैसी समस्याओं से परेशान हैं। सरकार उन्हें बिजली तक नहीं दे पा रही है। जितनी बिजली दी जा रही है, उस पर भी सैंकड़ों टैक्स वसूले जा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकारें जिन- जिन राज्यों में हैं, वहां भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण चरम पर है। गहलोत सरकार की इसी तुष्टिकरण की नीति से जयपुर सीरियल ब्लास्ट के सभी आरोपी छूट गए। इस सरकार ने 66 हजार करोड़ का खनन घोटाला कर राजस्थान को शर्मसार किया है। कांग्रेस सरकार उद्योग और व्यापार के लिए नासूर है। हम 2017 से 2019 तक राजस्थान के साथ मिलकर रेलवे के विस्तार का प्रोजेक्ट बना रहे थे, लेकिन 2018 में सरकार बदलते ही गहलोत सरकार ने जमीन देने से हाथ खड़े कर प्रोजेक्ट को रोक दिया। यह सरकार मार्बल उद्योग की जीएसटी को लेकर भी
अपनी बात जिम्मेदार तरीके से नहीं कर पाई। गोयल ने आरोप लगाया कि हम 2 लाख करोड़ की निवेश योजना लेकर आए लेकिन जब एनालिसिस किया तो पता चला कि राजस्थान में इस योजना में अंगुलियों पर गिनने लायक निवेशक भी नहीं मिले। सरकार को कुर्सी का मोह नहीं छूट रहा और राजस्थान गर्त में जाता रहा। इस सरकार में निवेश के प्रति भी कारोबारी रूचि नहीं दिखा पाए। क्योंकि गहलोत के शासन में उन्हें जमीन, बिजली, पानी और एनओसी के लिए भटकना पड़ता है। सम्मेलन को भाजपा प्रत्याशी भागीरथ चौधरी ने भी संबोधित किया। संचालन किशनगोपाल दरगड़ और सुनील दरड़ा ने किया।

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