राजस्थान दिवस पर साकेत की हुई ऑन लाईन काव्य गोष्ठी
राजसमंद . राजस्थान दिवस के अवसर पर साहित्यकार परितोष पालीवाल की अध्यक्षता में जिला सचिव नारायण सिंह राव के संयोजन में साकेत साहित्य संस्थान की ऑन लाइन काव्य गोष्ठी आयोजित हुई। वीणा वैष्णव ने सूरज री पेली किरण इण माटी ने चमकावे नारायणसिंह राव ने बिन राजस्थानी बणयो राजस्थान कद मिलसी मायड़ भाषा ने मान नीलम राठौड़ ने माथे पाग पाव में जूती मूँछा ने ताव सुरेश शर्मा ने आता यहां खून में तीव्र तूफान छोटेलाल सारस्वत ने बप्पा रावल कुम्भा सांगा रणधीर हुए भेरूलाल शर्मा ने चार धाम मेवाड़ में सांवलिया सिरमौर नीतू बाफना ने राख्या अधर पे हरि नाम कियो विष पान भावना पालीवाल ने गाड़ा भर निपजे धान लेखराज मीणा ने पीली लुगड़ी धोलो तोलियो रामगोपाल आचार्य ने गलताजी और पुष्कर स्नान या धरम करम री धरती पदमा वैष्णव ने गुरुगोविंद अलख अटे जगाया करते थे मनोजसिंह राजवा ने ऊबो है आडावल आडो कवि जसवंतलाल खटीक ने गली गली मिन्दर मिल जासी संपत उजाला ने शेखावाटी हाड़ौती में घूमर री घेर रचनाओं के माध्यम से राजस्थान के एकीकरण और भक्ति शक्ति शौर्य धन धान्य की संपन्नता के साथ मानवीय लोकाचार के गुणों का बखान किया । बख्तावरसिंह चुंडावत राजेंद्र सिंह चारण कुसुम अग्रवाल राधेश्याम राणा बख्तावरसिंह कमलेश जोशी पूरन शर्मा राजेंद्र राजन छैलबिहारी शर्मा कमल अग्रवाल की भी सहभागिता रही।