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बयाना। आध्यात्म हमें जीवन जीने की सीख देता है।इसके बिना कोई कार्य सकारात्मक नही हो सकता।बचपन से ही यदि आध्यात्म हमारे जीवन से जुड़ जाये तो जीबन धन्य हो जाता है।यह विचार मीराना रोड स्थित साइंस एकेडमी के खचाखच भरे सभागार में वुधवार को भारतीय आध्यात्म वेत्ता एवम कथा मर्मज्ञ देवी चित्रलेखा ने व्यक्त किये।उन्होंने आध्यात्म के प्रासंगिक रूप की बिभिन्न दृष्टांतों के माध्यम से विवेचना की।उन्होंने साइंस एकेडमी के द्वारा आई आई टी,जे ई ई व् नीट्स की तैयारी कर रहे क्षेत्र के टॉपर्स बालकों को संबोधित करते हुए कहा कि अध्ययन करते समय उचित समय प्रबन्धन के साथ फैकल्टीज के मार्गदर्शन में सुरुचि पूर्ण तौर-तरीकों से पढ़ाई बिना किसी स्ट्रेस के करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सफलता उन्ही को मिलती है जो अपने सार्थक प्रयास निपुणता से करते हैं।उन्होंने आध्यात्मिक रूप से 10 मिनट का राम-नाम का जप नियमित करने की बिधि सुझाई।देवी चित्रलेखा ने साइंस एकेडमी के शैक्षणिक कार्यो की प्रशंसा की।एकेडमी के निदेशक पंकज पाठक ने संकल्प दिलाते हुए गौ संरक्षण के प्रकल्प से जुड़ने की बात कही।देवी चित्रलेखा व् माधव प्रभु के सभागार में पहुंचने पर आध्यात्मिक रूप से भव्य अभिनन्दन किया।इस मौके प्रिंसिपल मनोज शर्मा,गजराज दायमा, देव शर्मा,चन्द्रभान,श्रीमती रबीना पाठक ,अंकित शर्मा,राहुल शर्मा,मनोज कुमार,द्रोणाचार्य, चेतना शर्मा,अंजलि शर्मा,रीना नारंग,इंदु शर्मा सहित गणमान्य जन मौजूद रहे।कार्यक्रम का संचालन डॉ0 कुमार शास्त्री ने किया।
 
                                                                        
                                                                    