 
                        
        दूसरा दशक का दो दिवसीय किशोरी लीडर प्रशिक्षण का समापन
फलोदी। दूसरा दशक व एपीएफ के संयुक्त तत्वाधान में दो दिवसीय आवासीय किशोरी लीडर प्रशिक्षण का समापन रविवार को फलोदी में हुआ। इस प्रशिक्षण मे बाप, फलोदी, गोदरली, ननेऊ, एम डी जाम्बा, जागरिया, सुरतानगर, बी डी जैमला, अखाधना आदि गावों की 24 लीडर किशोरियों ने भाग लिया।
प्रशिक्षण मे मुख्य रूप से एस आर एच आर व जेण्डर मुद्दे पर कार्य किया गया। प्रशिक्षिका कंचन थानवी द्वारा प्रशिक्षण मे किशोरावस्था, माहवारी, गर्भावस्था आदि मुद्दों पर लीडर किशोरियोें के साथ चर्चा की और उनके अनुभव सुने। किशोरियों ने बताया कि दूसरा दशक के प्रशिक्षणों में हमनें जो बातें सीखी उनका अपने जीवन में उपयोग कर रही हैं और परिवार व समाज के लोगों को भी जागरूक कर रही है। इस दौरान पप्पू, सुआ, धापू, कविता, सायना, शारदा, लक्ष्मी आदि ने स्वास्थ्य संबंधी अपने-अपने अनुभव शेयर किए।
जेण्डर सेंसेटिव मुद्दे पर सर्वे करने के लिए दूसरा दशक द्वारा एक प्रपत्र तैयार किया गया है। इस प्रपत्र को किशोरियों ने स्वयं भर कर देखा और अपने-अपने गांव में युवामंच के सदस्यों के साथ मिलकर सर्वे करने व गांव के लोगों की जेण्डर सेंसेटिविटी के मुद्दे पर समझ बनाने की जिम्मेदारी ली। दूसरा दशक की परियोजना समन्वयक प्रीति राठौड़ ने बताया कि लीडर किशोरियां अपने-अपने गांव में युवा मंचो के साथ जुड़कर बदलाव के वाहक के रूप मे कार्य कर रही हैं। इससे लीडर किशोरियों की गांव में अलग पहचान बन रही हैं।
परियोजना निदेशक मुरारीलाल थानवी ने किशोरियों के अनुभव सुने व उनसे सवाल-जबाब किए तो किशोरियों ने बताया कि गुड टच बेड टच, माहवारी जैसे मुद्दों पर महिलाओं व किशोरियों के साथ-साथ पुरुषों के साथ भी काम करना चाहिए तभी समाज में बदलाव आएगा। कांता, ममता, मांगी, पतासी आदि लीडर किशोरियों ने भित्ति पत्रिका और प्रतिवेदन के माध्यम से अपने विचार व्यक्त किए। प्रशिक्षण मे अमरु चौधरी, कविता, बशिरों, नीलम, कमल शर्मा ने सहयोग किया।
 
                                                                        
                                                                    