
मणिपुर में हिंसा थमी कर्फ्यू जारी
इंटरनेट-मोबाइल और ट्रेनें बंद, दंगाइयों को गोली मारने के आदेश; मेघालय में भी कुकी-मैतेई समुदाय के छात्र भिड़े
इंफाल . मणिपुर में मैतेई आरक्षण विवाद को लेकर भड़की हिंसा के बाद शुक्रवार को यहां हालात नियंत्रण में हैं। राज्य के 16 में से 8 जिलों में कर्फ्यू जारी है। सेना के 55 कॉलम और असम राइफल्स की टुकड़ी तैनात कर दी गई है। हिंसा में अब तक कुछ लोगों के मारे जाने की सूचना है। हालांकि, इसे लेकर अब तक कोई पुष्टि नहीं की गई है। सौ से ज्यादा लोग घायल हैं।
मोबाइल इंटरनेट बेमियादी रूप से बंद कर दिया गया है। दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए गए हैं। साथ ही मणिपुर जाने वाली ट्रेनों को रोक दिया गया है। सेना के मुताबिक, अब तक राज्य में 11 हजार से ज्यादा लोगों को राहत कैंपों में शिफ्ट किया गया है।
मणिपुर के बाद मेघालय में भी झड़प, 16 गिरफ्तार
मेघालय की राजधानी शिलांग में भी कुकी और मैतेई समुदाय के कॉलेज स्टूडेंटस में झड़प हो गई। बताया जा रहा है कि दोनों समुदाय के बीच मारपीट भी हुई। पुलिस ने इस मामले में 16 लोगों को गिरफ्तार किया है।
इस घटना से जुड़े अपडेट्स
गृहमंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से फोन पर बात कर हालात की जानकारी ली। बीरेन सिंह ने गुरुवार को एक वीडियो मैसेज जारी कर लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की थी।
केंद्र ने पूर्वोत्तर राज्य के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में तैनाती के लिए RAF की टीमों को भी भेजा है। सूत्रों के मुताबिक RAF की पांच कंपनियों को इंफाल एयरलिफ्ट किया गया है, जबकि 15 अन्य जनरल ड्यूटी कंपनियों को भी राज्य में तैनाती के लिए तैयार रहने को कहा गया है।
हिंसा प्रभावित इलाकों के 600 से अधिक लोगों ने असम के कछार जिले में शरण ली। इसकी जानकारी असम के मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्वा सरमा ने दी है।
बुधवार को मार्च के दौरान हुई थी झड़प, जो हिंसा में बदली
मणिपुर में ऑल इंडिया ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन ने बुधवार को ट्राइबल सॉलिडेरटी मार्च बुलाया था। इसी दौरान आदिवासी और गैर-आदिवासी समुदायों में झड़प हो गई। आदिवासी समुदाय उस मांग का विरोध कर रहा था, जिसमें डिमांड की जा रही है कि गैर-आदिवासी मैतेई समुदाय को शेड्यूल ट्राइब (ST) का दर्जा दिया जाए।
मणिपुर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि मैतेई समुदाय की डिमांड पर विचार करे और 4 महीने के भीतर केंद्र को रिकमंडेशन भेजे। इसी आदेश के बाद आदिवासी और गैर-आदिवासियों के बीच हिंसा शुरू हो गई।
11 हजार लोग बेघर: सेना ने रातभर ऑपरेशन चलाकर लोगों को सुरक्षित कैंप्स में भेजा
हिंसा के कारण चूराचांदपुर जिला सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। उपद्रवियों ने राज्य के 8 जिलों में सैकड़ों मकान-दुकानों सहित दो दर्जन चर्च को जला दिया।
हिंसा में सबसे ज्यादा चूराचांदपुर जिला प्रभावित हुआ है। 11 हजार लोग बेघर हुए हैं। सेना ने रात भर ऑपरेशन चला कर लोगों को सुरक्षित कैंप्स में भेजा है। बेघर 5000 लोगों को चूराचांदपुर, 2000 को इंफाल घाटी अन्य लोगों को टेंग्नोउपाल के कैंप्स में भेजा गया है। सेना के हेलिकॉप्टर निगरानी कर रही है।