क्या होती है जीडीपी? कैसे होता है इसका कैलकुलेशन
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। देश की अर्थव्यवस्था की जब भी चर्चा की जाती है तो हमेशा एक शब्द जीडीपी (GDP) शब्द जरूर सुना होगा। किसी भी देश की अर्थव्यवस्था को मापने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से...
जीडीपी (GDP) की फुल फॉर्म सकल घरेलू उत्पाद है। यह किसी भी देश में एक निश्चित अवधि के दौरान उत्पादित हुई सभी अंतिम वस्तुओं और सेवाओं का कुल मौद्रिक मूल्य होता है। आमतौर किसी देश की जीडीपी को मापने के लिए एक वर्ष की अवधि का प्रयोग किया जाता है।
कैसे हुई GDP की शुरुआत?
माना जाता है कि मौजूदा समय में जिस जीडीपी अवधारणा का उपयोग किया जा रहा है। उसकी शुरुआत 18वीं शताब्दी के अंत में हुई थी। इसे 1934 में अमेरिकी अर्थशास्त्री साइमन कुज्नेत्स द्वारा लोकप्रिय किया गया। 1944 में ब्रेटन वुड्स सम्मेलन में देश की अर्थव्यवस्था को मापने की मुख्य पद्धति के रूप में अपनाया गया।
सकल का क्या मतलब होता है?
सकल घरेलू उत्पाद (Gross Domestic Product) में 'सकल' का मतलब देश में उत्पादित कुल उत्पाद या सेवा के प्रयोग की परवाह किए बिना गिना जाना है। वस्तु या सेवा का उपयोग किसी भी प्रकार ( जैसे निवेश, उपभोग और संपत्ति) के रूप में किया जा सकता है।
घरेलू का क्या मतलब होता है?
घरेलू का उपयोग किसी देश की भौगोलिक स्थिति में वस्तुओं और सेवाओं का निर्माण किया जा रहा है। उसके लिए उपयोग किया जाता है। उदाहरण के लिए अगर अमेरिका की कोई कंपनी भारत में कार बनाकर बेचती है, तो उसके मूल्य को भारत की जीडीपी के आंकड़े में जोड़ा जाएगा।
उत्पाद का क्या मतलब है?
उत्पाद का उपयोग किसी देश में बिक्री किए गए अंतिम उत्पादों और सेवाओं के लिए किया जाता है। बता दें, इसमें वे सामान जिसका उत्पादन हो चुका है, लेकिन बिक्री नहीं हुई है। उसे शामिल नहीं किया जाता है। साथ ही ब्लैक मार्केट, उपयोग की हुई वस्तुओं की बिक्री और वस्तु विनिमय के तहत खरीदी गई वस्तुओं और सेवाओं को शामिल नहीं किया जाता है।