सुडान में फसे 28 भारतीयों ने लगाई जान बचाने की गुहार
रतनगढ़ । गृह युद्ध के चलते सुडान में हालत खराब होने के कारण रोजी रोटी की तलाश में गए भारतीय लोग भी वहां पर फंसकर रह गए हैं। 28 भारतीय युवाओं के बीच रतनगढ़ का रहने वाला एक युवक मुकेश भी इनमें शामिल है। इन लोगों ने सोशल मीडिया पर स्वदेश बुलाने की गुहार लगाते हुए वहां की स्थिति से अवगत करवाया है। मुकेश पिछले चार दिनों से भूखा-प्यास एक बिल्डिंग में कैद है तथा इसके साथ देश के विभिन्न प्रांतों के 27 लोग भी हैं। ये सभी लोग पिछले चार दिनों से दान-दाने के लिए मोहताज है। इन्होंने सोशल मीडिया पर बताया कि इन लोगों ने पिछले चार दिनों से कुछ नहीं खाया तथा पीने का पानी भी इनको नसीब नहीं हो रहा है। ये लोग अपनी जान जोखिम डालकर पास की एक फैक्ट्री से जैसे-तैसे पानी का जुगाड़ कर रहे हैं। मुकेश ने देश के गृहमंत्री, विदेश मंत्री एवं आर्मी चीफ से सोशल मीडिया पर गुहार लगाई है कि इन लोगों को कैसे भी स्वदेश बुलाया जाए। मुकेश ने बताया कि लगातार गोलियां चल रही और कभी भी कोई बुलैट जान ले सकती है। मुकेश ने बताया कि उन्होंने भारतीय दूतावास से भी संपर्क किया, लेकिन पिछले चार दिनों से केवल आश्वासन मिल रहा है। अभी तक सुडास से नहीं निकाला गया है। वहीं प्रशासन ने सुडान में फंसे युवक की सुध लेते हुए देश लाने के प्रयास शुरू करने के क्रम में सूडान में फसे भारतीयों की आज दूतावास ने ली सुध। बिल्डिंग में फंसे भारतीयों को सुरक्षा व्यवस्था के साथ पोर्ट लेकर पहुंची एक बस। 3 दिन बाद सभी भारतीय अपने वतन फ्लाइट से आजाएंगे। उक्त जानकारी युवक के परिजनों से संपर्क कर ली गई है।तहसीलदार बजरंगलाल कुलहरि ले रहे बराबर मामले में संज्ञान।