डकैतों से हुई मुठभेड़ में बुलेट प्रूफ जैकेट से बची जान
धौलपुर। मंगलवार रात बसई डांग थाना क्षेत्र के जंगलों में डकैत रामलखन से हुई मुठभेड़ में कॉन्स्टेबल की बुलेट प्रूफ जैकेट पर गोली लगी थी। जिसके बाद पुलिस ने डकैतों पर फायरिंग की थी। 7 किलोमीटर पैदल चलने के बाद पुलिस का डकैतों से आमना सामना हुआ। डकैतों से हुई मुठभेड़ के मामले में पुलिस के दो कांस्टेबल हल्के राम मीणा और नटवर की भूमिका सराहनीय रही।
मुठभेड़ को लेकर एडीएफ के एएसपी देवेंद्र राजावत ने बताया कि मंगलवार रात को डीएसटी के कांस्टेबल हल्केराम को डकैत राम लखन और उसके साथियों के जंगलों में होने की सूचना मिली थी। जिस सूचना पर डीएसटी बाड़ी के साथ बाड़ी सदर और सोने का गुर्जा थाना पुलिस को गजपुरा चौराहे पर बुलाया गया, जहां से पुलिस की टीम गाड़ियों को छोड़ करीब 7 किलोमीटर पैदल चलकर जंगलों में पहुंच गई। इसी दौरान पुलिस को डकैत रामलखन के साथ 7 बदमाश दिखाई दिए।
एएसपी ने बताया कि पुलिस की टीम जैसे-जैसे बदमाशों की घेराबंदी कर रही थी। ठीक वैसे ही डकैत राम लखन को पुलिस नजर आ गई। डकैतों ने पुलिस की ओर गोलियां चलाना शुरू कर दिया। मुठभेड़ में डकैतों की ओर से पहली गोली कॉन्स्टेबल नटवर की बुलेट प्रूफ जैकेट पर लगी । कॉन्स्टेबल की गोली लगते ही पुलिस ने जवाबी फायरिंग शुरू कर दी। फायरिंग में डकैतों के मुखिया रामलखन के पैर में गोली लग गई। फायरिंग होते ही सभी डकैत चंबल की ओर भागने लगे।