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बदलते परिदृश्य में बढ़ती जा रही मीडिया की चुनौतियां : कुमार अजय

बदलते परिदृश्य में बढ़ती जा रही मीडिया की चुनौतियां : कुमार अजय

  • राष्ट्रीय प्रेस दिवस के उपलक्ष में सूचना केंद्र में इंडियन फैडरेशन ऑफ जर्नलिज्म की ओर से सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सहयोग से विचार गोष्ठी का आयोजन

चूरू। राष्ट्रीय प्रेस दिवस के उपलक्ष में शुक्रवार को सूचना केंद्र में इंडियन फैडरेशन ऑफ जर्नलिज्म की ओर से सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सहयोग से पत्रकारिता के बदलते परिदृश्य पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।

विचार गोष्ठी को संबोधित करते हुए सहायक निदेशक (जनसंपर्क) कुमार अजय ने कहा कि देश में आजादी के आंदोलन और उसके बाद तथा आपातकाल के समय भी पत्रकारिता का सुनहरा इतिहास रहा है। आजादी की लड़ाई में हमारे समस्त महानायकों ने पत्रकारिता के माध्यम से अपनी आवाज को मुखर किया और मीडिया के जरिए जनमानस को जगाने और सत्ता के मद में अंधी गोरी सत्ता को भी चेताने का काम किया। आजादी के बाद भी हमारे यहां एक से बढ़कर एक बेहतरीन पत्रकारिता के उदाहरण रहे हैं। वर्तमान में परिदृश्य बदल रहा है, जहां परम्परागत मीडिया के साथ-साथ नए माध्यमों ने अपनी दखल पेश की है। इसने एक तरफ मीडिया को नई धार, नया तेवर दिया है, वहीं अनेक जगहों पर विश्वसनीयता का भी संकट पैदा हो गया है। ऎसे में मीडिया के समक्ष चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं लेकिन हमें सधे हुए अंदाज में काम करते हुए अपनी विश्वसनीयता और अपने तेवर दोनों को बरकरार रखना है। उन्होंने केंद्र एवं राज्य सरकार की महत्त्वपूर्ण और जन कल्याणकारी योजनाओं को अंतिम छोर तक पहुंचाने में मीडिया की भूमिका को रेखांकित किया और सभी से सहयोग की अपेक्षा की।

विचार गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ पत्रकार जेपी जोशी ने कहा कि लोकतांत्रिक मूल्यों को बचाने में हमेशा मीडिया ने अग्रणी भूमिका निभाई है और आज भी जहां-जहां जरूरत होती है, पत्रकारिता लोकतंत्र की रक्षा के लिए खड़ी नजर आती है। लोकतंत्र के इस चौथे खंभे को मजबूत बनाये रखने के लिए जरूरी है कि हम सभी ईमानदारी और निष्पक्षता के साथ-साथ एकजुटता से अपने काम को अंजाम देते रहें। उन्होंने कहा कि जब हम एकजुट होकर, एक स्वर में कोई बात कहेंगे तो निश्चय ही उसकी सार्थकता और सफलता तय होगी।

वरिष्ठ पत्रकार देवराज लाटा ने कहा कि पत्रकारिता समाज व व्यवस्था का आईना है। जब-जब व्यवस्था में कोई दोष आता है, पत्रकारिता उसे दुरुस्त करने का कार्य करती है। सामाजिक बुराइयों के निवारण में भी पत्रकारिता का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है। हम सभी को बेहतरीन और निष्पक्ष पत्रकारिता के उदाहरण प्रस्तुत करने चाहिए।

इंडियन फैडरेशन ऑफ जर्नलिज्म के जिलाध्यक्ष अमित तिवारी ने आभार व्यक्त किया और फैडरेशन की गतिविधियों की चर्चा की। उन्होंने कहा कि सभी पत्रकार साथी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए एक होकर लड़ें तथा सुनहरे अतीत को याद करते हुए एक मिशन की तरह पत्रकारिता करें। मीडियाकर्मियों ने इस दौरान पत्रकार सुरक्षा लागू करने की जरूरत जाहिर की। कार्यक्रम के दौरान शिखर विजय की ओर से प्रकाशित विशेषांक दीपोत्सव का लोकार्पण किया गया।

इस दौरान वरिष्ठ पत्रकार राजेंद्र शेखावत, आशीष गौतम, जमील अहमद, कुंज बिहारी बिरमीवाला, किशन उपाध्याय, मनोज शर्मा, नरेश भाटी, ललित चौहान, अख्तर मुगल, शैलेंद्र सोनी, मोहम्मद अली पठान, रामचंद्र गोयल, महेंद्र सोनी ने भी विचार व्यक्त किए।

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