नई शिक्षा नीति 2020 में ‘‘जादुई पिटारा’’ का लोकार्पण
पाली. सरस्वती शिक्षा समिति, पाली ने शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार द्वारा देश की 13 भाषाओं में सरल तरीके से समझाने वाले इस ‘‘जादुई पिटारे’’ का स्वागत किया गया। इसे देश में और अधिक उत्कृष्ट शिक्षण एवं अधिगम को सशक्त एवं सफल बनाने में समक्ष होगे। सरस्वती शिक्षा समिति पाली के अध्यक्ष रमेश कुमार सांड ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को केवल भारत में ही नहीं बल्कि वैश्विक स्तर पर भी शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण, युगान्तरकारी एवं नये मार्ग प्रशस्त करने वाले कदम के रूप में स्वीकार किया गया है। इसी नीति के क्रियान्वयन की दिशा में शिशु अवस्था की देखभाल एवं शिक्षा की राष्ट्रीय पाठ्यचर्या(National Curriculum Framework for Early Childhood Care and Education) जो कि क्रिया तथा खेल आधारित, आनन्ददायक शिशु शिक्षा का आधार है, एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। विश्वभर के शैक्षिक एवं आर्थिक क्षेत्र के विशेषज्ञ मानते हैं कि अच्छी शिक्षा से व्यक्तित्व विकास की गति अकल्पनीय रूप से तेज हो सकती है। ‘‘जादुई पिटारा’’ के नाम से हाल ही में जारी शिक्षण अधिगम सामग्री देश में प्रारम्भिक स्तर की शिक्षा, विशेषकर अंक-ज्ञान तथा अक्षर ज्ञान की दृष्टि से एक बड़ा कदम है। बालकों के व्यक्तित्व के सर्वागीण तथा समग्र विकास के उद्देश्य से यह एक नवाचारी प्रयोग हैं इसलिए विद्या भारती इस जादुई पिटारे को विकसित करने में जुटी हुई टीम के सभी व्यक्तियों का अभिनन्दन करती है तथा विष्वास करती है कि देश की शिक्षा प्रणाली में यह एक परिवर्तनकारी कदम होगा। इस अवसर पर सचिव किशनाराम बिश्नोई एवं शिक्षा जगत से जुडे अनेक शिक्षाविदों ने भारतीय शिक्षा व्यवस्था के इस सुनहरे अवसर की सराहना करते हुए अपना विचार नई शिक्षा नीति पर रखा।