जीवन में सार असार का ज्ञान होना आवश्यक
मदनगंज किशनगढ़। सकल दिगंबर जैन समाज इंद्रा नगर द्वारा श्री शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर में संयम पथ को अंगीकार करने वाले दीक्षार्थी आदेश्वर पंचोरी धरियावद की छोल भराई का कार्यक्रम आयोजित किया गया। वात्सल्य वारिधि आचार्य वर्धमान सागर महाराज ससंघ सानिध्य एवम श्री मुनिसुव्रतनाथ दिगंबर जैन पंचायत के तत्वावधान में 13 फरवरी को सूरज देवी सभागृह में दीक्षार्थी आदेश्वर पंचोरी धरियावद की जेनेश्वरी दीक्षा संपन्न होगी। जिसके तहत दीक्षार्थी आदेश्वर पंचोरी की छोल भराई की गई। दीक्षार्थी आदेश्वर के इंद्रा नगर श्री शांतिनाथ मंदिर पहुंचने पर ढोल धमाकों, पुष्प वर्षा एवं आचार्य वर्धमान सागर महाराज के जयकारों के साथ दीक्षार्थी की भव्य अगवानी की गई। दीक्षार्थी द्वारा मंदिर में श्री शांतिनाथ, चंद्रप्रभ, मुनिव्रतनाथ, आदिनाथ, महावीर, पदम प्रभू, नेमिनाथ, वास्यपूज्य भगवान दर्शन किए। कार्यक्रम में श्री मुनीसुव्रतनाथ दिगंबर जैन पंचायत अध्यक्ष विनोद कुमार पाटनी एवम मंदिर पुजारी गोपाल लाल, कमला बाई का अभिनंदन किया गया। कार्यक्रम में दीक्षार्थी आदेश्वर ने कहा कि जीवन में सार व असार ज्ञान आवश्यक है। सार असार का ज्ञान नहीं हो तो मनुष्य अपने जीवन को सार्थक नहीं कर सकता। बचपन खेल में, जवानी भोग में एवम बुढ़ापा रोग में तो धर्म कब करोगे। जीवन में सही एवम गलत को समझना पड़ेगा। अपनी आत्मा को जानने व समझने के बाद ही मोक्ष मार्ग पर चला जा सकता है। स्वयं को पहचाने का पुरुषार्थ करना चाहिए। शरीर नाशवान होता है। संसार को मोह माया को त्यागने पर ही जीवन सफल होगा। धर्म व संयम की प्रभावना करना जीवन का अंग है। उन्होंने आचार्य वर्धमान सागर महाराज की महिमा का गुणगान किया। कार्यक्रम में सकल दिगंबर जैन समाज इंद्रा नगर द्वारा वैराग्य की ओर बढ़ने वाले दीक्षार्थी के त्याग की अनुमोदना कर काजू, बादाम, किसमिस, अखरोट, नारियल, मखाने, विभिन्न फल एवं पंच मेवे से दीक्षार्थी की छोल भराई की गई। इस दौरान अनेक महिला पुरुष मौजूद थे।