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महिला उत्थान के लिए आरक्षण के साथ शराब बंदी आवश्यक

महिला उत्थान के लिए आरक्षण के साथ शराब बंदी आवश्यक

सीकर। राजस्थान जन मंच की बैठक कृष्णा मार्केट में चौधरी मामराज सिंह की अध्यक्षता में आयोजित की गई। महिला आरक्षण को लेकर चौधरी मामराज सिंह ने कहा कि 90 प्रतिशत जनप्रतिनिधि पुरूष है इसके बावजूद सबसे ज्यादा शिक्षित, बेरोजगारों और कर्ज में डूबे किसानों तथा छोटे कारोबारियों को आत्महत्याएं करनी पड़ रही है। यदि 70 करोड़ महिलाओं में से दो हजार महिलाएं विधायक-सांसद बन जायेगी तो सभी महिलाओं का कोई भला नहीं होने वाला। यदि सरकार महिलाओं और पुरूषों सभी का कल्याण करना चाहती है तो देश में शराब कारोबार और मीडिया की अश्लीलता पर रोक लगाएं। मोहन बाजोर ने कहा कि निकाय और पंचायत चुनावों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण मिल रहा है इसके बावजूद महिलाओं की स्थिति में कोई सुधार देखने को नहीं मिल रहा है। पंच, सरपंच, प्रधान, जिला प्रमुख, पार्षद, सभापति आदि पद पर निर्वाचित होने के पश्चात मात्र रबर स्टाम्प साबित होती और उनके प्रतिनिधियों, परिवारजनों द्वारा उनके पद की शक्तियों का खुलकर दुरूपयोग किया जाता है।टोडरमल फोगावट, मनीराम भामू, मोहनसिंह, रामचन्द्र सिंह आदि ने महिला आरक्षण कानून को चुनावी चाल बताते हुए कहा कि पहले जातिवार जनगणना करवाने के पश्चात महिला आरक्षण का कानून बनता तो महिलाओं को तुरंत चुनावों  में  प्रतिनिधित्व मिलता।

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