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बाल विवाह रोकने के लिए स्थानीय प्रशासन सख्त 

बाल विवाह रोकने के लिए स्थानीय प्रशासन सख्त 

लक्ष्मणगढ़ । 22 अप्रैल को अक्षय तृतीया पर ग्रामीण क्षेत्रों में (आखातीज ) इस दिन  अधिकांशतः ग्रामीण क्षेत्रों में बाल विवाह संपन्न किए जाते हैं। आखा तीज पर अलवर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर बाल विवाहों का होना माना जाता है। ऐसा होता भी आया है।
स्थानीय प्रशासन उपखंड अधिकारी सुभाष यादव  की ओर से इस बार बाल विवाह रोकने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है।  बाल विवाह रोकथाम हेतु उपखंड स्तरीय मीटिंग का आयोजन किया गया। प्रशासन और पुलिस की सहभागिता में उपखण्ड स्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया । और ब्लॉक स्तर पर 24 घंटे कंट्रोल रूम सक्रिय रहेगा। ग्रामीण स्तर पर कोर ग्रुप्स सक्रिय रहेंगे। विद्यालय स्तर पर भी सतर्कता समितियों का गठन किया। इसके साथ ही चाइल्ड हेल्पलाइन 1098, पुलिस हेल्पलाइन 100 भी सक्रियता से सुचारू रहेंगी। उन्होंने बताया कि कानून का उल्लंघन करने वाले बालिग पुरुष समेत पंडित/मौलवी, मैरिज होम, कैटरिंग, हलवाई, घराती-बाराती सभी को दो वर्ष तक के सश्रम कारावास और एक लाख रुपये तक के जुर्माने से दंडनीय अपराध है। बाल विवाह के कानून का उल्लंघन करने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा। उपखंड अधिकारी ने अक्षय तृतीया पर कर्मचारीयों को दायित्व का निर्वहन करने को निर्देशित किया है। कानून के प्रति लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी ब्लॉक स्तर पर  समन्वय मीटिंग आयोजित कर अधीनस्थ कर्मचारियों को बाल विवाह की रोकथाम के लिये दिशा निर्देश भी जारी किए हैं।

 

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