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भगवान महावीर के सिद्धांत आज भी प्रांसगिक — लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला

भगवान महावीर के सिद्धांत आज भी प्रांसगिक — लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला

                    भगवान महावीर के सिद्धांतो का प्रचार करे समाज — शांति धारीवाल


कोटा। जैन समाज कोटा महानगर द्वारा देवाधिदेव जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर का जन्म कल्याणक महोत्‍सव सोमवार को हर्षोउल्लास से मनाया गया। प्रचार सचिव मनोज जैन आदिनाथ एवं रितेश सेठी ने बताया कि प्रात 7 बजे से शोभायात्रा का आयोजन रामपुरा से दशहरा मैदान तक किया गया। दशहरा मैदान में भगवान महावीर का अभिषेक, अर्घ समर्पित,सम्मान समारोह,रक्तदान,दिव्यांग शिविर व चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। आर्यिका विज्ञाश्री माताजी ससंघ छह पिच्छियां, एलक जी महाराज, क्षीर सागर जी महाराज के प्रवचन किए गए। विशिष्ट सेवाकार्यो करने वाले लोगो को प्रशस्त्रि पत्र माला व शाल देकर सम्मानित किया। कार्याध्यक्ष जे के जैन ने बताया कि कार्यक्रम मेें मुख्य अतिथि स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल रहे। लोकसभा अध्यक्ष ओमकृष्ण बिरला ने वर्चअल जुडकर जैन समाज के लोगो को सम्बोधित किया। कार्यक्रम का संचालन अमित सोगानी एवं पी के हरसोरा ने किया।
कार्यक्रम नागरिक सहकारी बैंक के अध्यक्ष राजेश कृष्ण बिरला,विधायक संदीप शर्मा,मदन दिलावार,कांग्रेस नेता राखी गौत्तम,पूर्व यूआईटी अध्यक्ष रविन्द्र त्यागी,हीरालाल नागर,सकल दिगम्बर जैन समाज समिति के अध्यक्ष विमलचंद जैन नान्ता, कार्याध्यक्ष जेके जैन, कार्याध्यक्ष प्रकाश बज, महामंत्री विनोद जैन टोरड़ी,प्रचार सचिव मनोज जैन आदिनाथ,राजमल पाटौदी,विकास अजमेरा,राकेश जैन मडिया,मनोज टोंग्या,नरेश जैन वेद,विजय दुगेरिया, रितेश जैन सेठी, सह संयोजक जिनेन्द्र पापड़ीवाल,प्रकाशचंद दीपपुरा,गुलाबचंद चुनेवाला आदि जैन समाज के प्रबुद्ध लोग दशहरा मैदान में उपस्थित रहे।

जैन समाज के सिद्धांतो को आगे बढाए समाज
मुख्य अतिथि स्वायत शासन मंत्री शांति धारीवाल ने अपने उद्बोधन में जैन समाज को भगवान महावीर के सिद्धांत जनजन तक पहुचाने का आव्हान किया। स्वायत्त शासन मंत्री धारीवाल ने कहा कि भगवान महावीर के संदेशों को जन-जन तक पहुचाने की आवश्यकता है। उनके द्वारा दिये गये अहिंसा के संदेश को अपना कर सम्पूर्ण विश्व में परिवर्तन लाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार शरीर को आहार की जरूरत होती है उसी प्रकार धर्म को भी संस्कारों की जरूरत होती है। हमें आने वाली पीढियों को संस्कृति और संस्कार देने होंगे जिससे भगवान महावीर के मार्ग पर चलकर देश सेवा में भागीदार बन सकें। उन्होंने कहा कि भगवान महावीर द्वारा दूनिया को अहिंसा का मूलमंत्र दिया था उसे आज मन, कर्म और वचन के माध्यम से जीवन में आत्मसात करने की आवश्यकता है। इस अवसर पर उन्होने समाज की मांग को पूरा करने कि बात कहते हुए अंकलक स्कूल के लिए भूखण्ड दिलवाने की बात कही।

भगवान महावीर के उपदेश आज भी प्रासंगिक
राकेश जैन मडिया ने बताया कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने दशहरा मैदान में वर्चअल जुडकर सभा में उपस्थित जनमानस को सम्बोधित किया। इस अवसर पर बिरला ने महावीर के सिंद्धात व जीवन में उनकी प्रांसगिता के बारे में बताया। बिरला ने कहा कि भगवान महावीर का जन्म करीब ढाई हजार साल पहले (ईसा से 599 वर्ष पूर्व), वैशाली के गणतंत्र राज्य क्षत्रिय कुल में कुण्डलपुर में हुआ था और उनके दिए उपदेश व मार्ग आज भी प्रांसगिक है अंहिसा व सत्य के मार्ग पर चलकर हर कठिनाई व बाधा को दूर किया जा सकता है। तीर्थंकर महावीर स्वामी ने अहिंसा को सबसे उच्चतम नैतिक गुण बताया. उन्होंने दुनिया को जैन धर्म के पंचशील सिद्धांत बताए, जो है– अहिंसा, सत्य, अपरिग्रह, अचौर्य (अस्तेय) और ब्रह्मचर्य. महावीर ने अपने उपदेशों और प्रवचनों के माध्यम से दुनिया को सही राह दिखाई और मार्गदर्शन किया।बिरला ने अहिंसा की व्याख्या करते हुए कहा कि भगवान महावीर ने मिट्टी, पानी, अग्नि, वायु, वनस्पति से लेकर कीड़े-मकौड़े, पशु-पक्षी आदि के प्रति भी मित्रता और अहिंसक विचार के साथ रहने का उपदेश दिया।

अभिषेक में जुटा जैन समाज
सकल दिगम्बर जैन समाज के अध्यक्ष विमल जैन नांता ने बताया कि देवाधिदेव जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर का जन्म कल्याणक महोत्‍सव पर शोभायात्रा से दशहरा मैदान पहुंचने पर भगवान महावीर का 8 द्रव्य समर्पित किए। मंगलाचरण के पश्चात स्थापना,जल,चंदन,अक्षत,पुष्प,नैवेध,दीप,धूप,अर्घ, गर्भ कल्याण ,तप कल्याण,ज्ञान कल्याण,मोक्ष कल्याण व जयमाला,आ.विराग सागर का अर्घ,आ.विज्ञामाताजी का अर्घ्य अर्पित किया गया। इस अवसर मुख्य अतिथि शांति धारीवाल ने राजेन्द्र गोधा,निर्मला जैन,सुरेश हरसोरा,योगेश सिंघम,अविनाश जैन,दीपक जैन व डा.अखिलेख पाण्डेय को सम्मानित प्रशस्ति पत्र ,माला व साफा पहनाकर सम्मानित किया। अंत में आर्यिका विज्ञाश्री माताजी ससंघ छह पिच्छियां, एलक जी महाराज, क्षीर सागर जी महाराज के प्रवचन हुए। उन्होने समाज को महावीर के सत्य वअंहिसा व जैन धर्म के सिद्धांतो को बारिकी मंच से बताया व समझाया। उन्होने कहा कि हर धर्म व जाति एवं धार्मिक ग्रंधो व पुस्तको का सार एक ही है। भगवान महावीर ने हमे मार्ग दिखाया है उस पर चलकर ही हम परमगति प्राप्त कर सकते है। उन्होने जैन समाज को एकजुटता का संदेश भी दिया।

विभिन्न समितियों एवं सोशल ग्रुप भी जुटे
दशहरा मैदान में भगवान महावीर भगवान की जयंति में विभिन्न व्यवस्थाओं में जैन समाज की विभिन्न समितियां एवं जैन सोशल ग्रुप के माध्यम सेवा कार्य किया गया। उन्होने जल,भोजन,आईक्रीम सहित रक्तदान से चिकित्सा शिविर का आयोजन किया। दिगम्बर जैन सोशल ग्रुप अनुभव एवं महावीर विकलांग सहायता समिति एवं ह्युमन हेल्पलाईन के सामुहिक प्रयास से दिव्यांग शिविर का आयोजन किया गया। अध्यक्ष धर्मचंद काला एवं अशोक जोरा ने बताया कि 100 से अधिक लोगो शिविर से लाभांवित हुए। शिविर में जयपुर फुट,कृत्रिम हाथ,केलिपर्स,ट्राई साइकिल,स्प्लिंट,बैसाखी,वाकर एवं व्हीलचेयर आदि दी गई। दिगंबर जैन सोशल ग्रुप कोटा मेन द्वारा रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया । अध्यक्ष निधि रांवका व सचिव अंकिता बड़जात्या ने बताया की 210 यूनिट एकत्रित की गई। सभी लोगों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। रक्तदान शिविर के कार्यक्रम संयोजक, अनुराग -अरुणा सेठी और राकेश- सुनीता पाटोदी रहे। चिकित्सा शिविर का आयोजन दिगम्बर जैन सोशल ग्रुप वर्द्धमान द्वारा आयोजित किया गया। जिसमें दंत,बीपी,शुगर एवं बच्चो को विशेषज्ञ चिकित्सो ने रोगियों को परामर्श दिया।चिकित्सा शिविर से 170 लोगो ने लाभ प्राप्त किया। जैन सोशल ग्रुप कोटा की ओर एक्यूप्रेशर का शिविर भी आयोजित किया गया। शिविर में बालिका उत्थान व विकास के लिए भारतीय जैन संगठन द्वारा स्मार्ट गर्ल अभियान के प्रचार हेतु शिविर लगाया गया। सचिव दिलीप व नीलिमा जैन ने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत बालिकाओ के व्यक्तिव विकास कर उन्हे प्रसन्न एवं सशक्त बनाने का प्रयास किया जाता है।
जिसमें एन के गुप्ता सहित कई चिकित्सकों ने सेवा देकर 170 रोगियों को लाभांवित किया। शिविर में अकलंक शोध संस्थान द्वारा पाण्डुलिपि संग्रहण व सवर्धन की प्रदर्शन भी लगाई गई। प्राकृत जैन विद्या पाठशाला द्वारा प्राकृत शिक्षा के प्रचार का हेतु निशुल्क पुस्तक वितरण शिविर का आयोजन किया गया। अंजली जैन ने बताया कि प्राथमिक कक्षा कि पुस्तके व जैन ग्रंथ भी शामिल थे। शिविर में इस अवसर पर जीव दया रक्षा फांउडेशन द्वारा भी शिविर का आयोजन किया गया।

शोभायात्रा में उमडा श्रृद्धा का ज्वार
शोभायात्रा के संयोजक रितेश जैन सेठी, सह संयोजक जिनेन्द्र पापड़ीवाल ने बताया कि महावीर जयंती महोत्सव को लेकर समाजबंधुओं में अपार उत्साह था। शोभायात्रा सुबह 7 बजे रामपुरा स्थित वसुंधरा भवन हिन्दू धर्मशाला से यात्रा आर्य समाज रोड़, रामपुरा लिंक रोड़, अग्रसेन बाजार, सब्जीमंडी,पुरा, कैथूनीपोल, टिपटा, गढ़ पैलेस होती हुई दशहरा मैदान पहुंची। जहां पहुंचकर शोभायात्रा धर्मसभा में परिवर्तित हो गई। शोभायात्रा में लगभग 10 हजार लोग शामिल हुए। शोभायात्रा आर्यिका विज्ञाश्री माताजी ससंघ छह पिच्छियां, एलक क्षीर सागर जी महाराज के पावन सानिध्य में निकाली गई।भगवान महावीर की प्रतिमा को मंत्रोच्चारण के साथ सुसज्जित पालकी पर रवाना हुए जिसे समाज के लोग उठाकर चल रहे थे।
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इस प्रकार रहा शोभायात्रा का स्वरूप
शोभायात्रा के सह संयोजक जिनेन्द्र पापड़ीवाल ने बताया कि 5 श्वेत अश्व उन पर धर्म पताका लिए समाजबंधु। पीछे चलती उंटगाडियां और और बग्ग्यिां में सवार इंद्र—इंद्राणी जिनके साथ नाचता व गाता अपार जनसमूह।देवाधिदेव 1008 भगवान महावीर स्वामी को रथ में विराजित कर समाज बंधुओं के द्वारा खींचा गया। शोभायात्रा में रथ पर जिनवाणी एवं कई झांकियां भी थी। मार्ग में 108 जगहों पर तोरण द्वार व रंगोली सजाई गई। शोभायात्रा मार्ग को दुल्हन की तरह सजाया गया था। रात में समूचा मार्ग रंगबिरंगी लाईटों की रोशनी से सराबोर कर दिया गया था। जगह जगह रंगोली एवं मार्ग के दोनो और श्वेत व लाल रेखाएं बनाकर स्वागत किया गया। शोभायात्रा का मार्ग में फूल मालाओ से स्वागत किया गया। सहसंयोजक चेतन जैन रामगढ़ वाले, प्रदीप जैन ने बताया कि शोभायात्रा में भगवान महावीर का रथ, ध्वज के साथ 5 घोड़े, पांच उंटगाड़ी, आठ झांकियां, 24 बग्गियां चल रही थी। साथ दो महिला बैंड ने शोभामार्ग में श्रृद्धा से जुडे जैन समाज का उत्साह दुगना कर दिया। जिनमें महिला बैंड रामपुरा व जैन महिला बैंड महावीर नगर द्वितीय, गुरू सेवा संघ कुन्हाड़ी रिद्धि-सिद्धि का बैंड सहित 4 बैंड शोभायात्रा मार्ग में चले। बग्गियों में इन्द्र-इन्द्राणी, नृत्य करते युवक-युवतियों की टोली, पाठशाला के बच्चे, चार डी जे मधुर भजनों की स्वर लहरियां बिखेरते दिखे। इसके साथ समाजबंधु महिला-पुरूष धर्मध्वजा लेकर चल रहे थे। इस दौरान समाजबंधु हाथों में अहिंसा पर नारे लिखित तख्तियां व अहिंसा परमो धर्म के नारे लगाते शोभामार्ग को गुंजाएमान कर दिया। पुरूष श्वेत व महिलाएं पीली व गुलाबी रंग की परम्परागत वेशभूषा में शोभायात्रा में दिखे। प्रभातफेरी का स्वागत जगह—जगह किया गया। शोभायात्रा सुबह 10 बजे दशहरा मैदान पहुंची। जहां भगवान महावीर के अभिषेक, संगीतमय आरती व पूजन किया गया।

 

भगवान महावीर के सिद्धांत आज भी प्रांसगिक — लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला

स्वागत में खाने-पीने पर पाबंदी, स्वच्छता व अहिंसा का संदेश शोभायात्रा के संयोजक रितेश जैन सेठी ने बताया कि इस बार शोभायात्रा मार्ग में खानपान पर रोक लगाई गयी थी।उन्होंने बताया कि शोभायात्रा के मार्ग में जगह-जगह पर स्वागत के लिए खाने-पीने की चीजें मीठे रेपर, शेक, शरबत, आईसक्रीम, मिठाई आदि वितरित करने से गंदगी के साथ उनमें सूक्ष्म जीव चीटियां, मक्खियां आदि चिपक जाते हैं, उनके उपर से लोग गुजरते हैं और दूसरे दिन प्रातःकाल में उसे कचरे के ढेर में जला दिया जाता है, जिससे जीव हिंसा का घोर दोष लगता है। शोभायात्रा में केवल शीतल जल का ही उपयोग किया गया।साथ ही प्लास्टिक डिस्पोजल पर पूर्ण पाबंदी रही। उन्होंने बताया कि मार्ग में जगह-जगह पर होने वाले स्वागत सत्कार में किसी भी प्रकार का प्लास्टिक डिस्पोजल का उपयोग नहीं किया गया। साथ ही कागज के गिलास और कप आदि उपयोग के बाद पीछे से सफाई के लिए एक टीपर लगाया गया। जो हाथों हाथ कचरा उठाते हुए साथ चल रही थी। इसके साथ ही पीने के पानी के लिए पांच पानी की गाडि़यां व एक मिनी बस भी साथ रही।

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