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परम्परागत जल स्त्रोतों को सहजकर उनका सदउपयोग करना- हरिसिंह राठौड़

परम्परागत जल स्त्रोतों को सहजकर उनका सदउपयोग करना- हरिसिंह राठौड़

राजसमन्द. विश्व जल दिवस के उपलक्ष्य में जिला परिषद् सभागार राजसमन्द में जलग्रहण विकास एवं भू-संरक्षण, जन स्वा.अभियांत्रिकी विभाग व भूजल विभाग के तत्वाधान मंे जिला स्तरीय अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों व ग्राम स्तरीय कार्यकर्ताओं की कार्यशाला व जल संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें विचार व्यक्त करते हुए जिला प्रमुख रतनी देवी द्वारा बताया कि जल को बचाने से ही जीवन बचेगा जिसके लिये सभी को मिलकर प्रयास करना होगा। पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी द्वारा कार्यशाला में दिप प्रज्ज्वलित कर शुरूआत की व बताया कि जल संरक्षण में आम जन की सहभागिता अति आवश्यक है। हर व्यक्ति जल के संरक्षण में योगदान करें व भूजल पुर्नभरण हेतु सजगता से कार्य करें। अटल भूजल योजना के नोडल अधिकारी संदीप जैन ने योजना की प्रगति तथा विभागों को मिलने वाले प्रोत्साहन राशि का पीपीटी के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी। अधीक्षक भूजल वैज्ञानिक अरूण कुमार जैन द्वारा जिले में किये जा रहे जल संरक्षण कार्यो के बारे में जानकारी प्रदान की। अतिरिक्त जिला न्यायाधीश व सचिव विधिक प्राधीकरण मनीष वैष्णव द्वारा प्राचीन समय से चली आ रही है जल संरक्षण व्यवस्था व दैनिक जीवन में जल संचय की आदतों को विकसित करने के लिए विस्तृत अनुभव साझा कर विचार व्यक्त किये।
बीस सुत्रीय कार्यक्रम उपाध्यक्ष हरिसिंह राठौड द्वारा जिला राजसमन्द में पर्यावरण स्थिति, जल संरक्षण कार्यो तथा जन प्रतिनिधियों द्वारा क्षेत्र के विकास के लिए किये जा रहे प्रयासों पर विचार व्यक्त किये। अतिरिक्त जिला कलक्टर रामचरण शर्मा द्वारा कार्यशाला में बताया कि जल संरक्षण व जल बचत बडा पुण्य का कार्य है जिसके बिना जीवन संभव नहीं होता है। अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी भुवनेश्वर सिंह चौहान ने राजस्थान की भौगोलिक स्थिति का वर्णन करते हुए मेवाड़ व मारवाड़ में परम्परागत जल संरक्षण कार्यो के बारे में बताते हुए कहा की ग्रामीण समुदाय व बुजुर्गो के अनुभव का लाभ लेते हुए सरकार की सभी योजनाओं का समन्वय करते हुए जन प्रतिनिधियों द्वारा ग्राम को जल साक्षर बना आत्मनिर्भर पेयजल प्रबन्धन हेतु कार्य किये जाने पर जानकारी दी।
अधिशाषी अभियन्ता विरेन्द्र धनावत द्वारा जलग्रहण विकास एवं भू-संरक्षण विभाग द्वारा किये जा रहे एमपीटी, सीसीटी व जलग्रहण विकास कार्यो के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की। जल जीवन मिशन योजनान्तर्गत ग्राम जल स्वच्छता समिति के माध्यम से ग्रामीण पेयजल प्रबन्धन हेतु किये जा रहे कार्यो, हर घर नल हेतु स्वीकृत योजनाओं व वर्षा जल प्रबन्धन मंे आमजन की सहभागिता बढाने हेतु एचआरडी सलाहकार शुभम बागोरा द्वारा जानकारी प्रदान की गई। कार्यशाला में जिला परिषद् राजसमन्द सदस्य लेहरूलाल अहीर, उप जिला प्रमुख सोहनी देवी द्वारा जल संचय हेतु विचार व्यक्त किये गये।
कार्यशालाओं में अधीक्षण अभियन्ता शिवदयाल मीना, अधिशाषी अभियन्ता लाल सिंह मीणा, विरेन्द्र धनावत, सहायक अभियन्ता राजन साहु, गुप्तसिंह जाटव, विनीता शर्मा राजीविका डीजीएम सुमन अजमेरा, ग्राम विकास अधिकारी, उपनिदेशक कृषि संतोष दुरीया, कृषि पर्यवेक्षक लोभचन्द्र, हनुवन्त सिंह, डीपीएमयू अटल भूजल योजना, कृषि पर्यवेक्षक व अन्य ग्राम स्तरीय कार्यकर्ता उपस्थित रहें। कार्यशाला का संचालन लेखाकार केशव सांचीहर द्वारा किया गया।

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