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मायड भाषा राजस्थानी को शीध्र मिले संवैधानिक दर्जा

मायड भाषा राजस्थानी को शीध्र मिले संवैधानिक दर्जा

सातवे दिन भी राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री को लिखे पोस्टकार्ड


मदनगज किशनगढ। राजस्थानी भाषा को शीध्र संवैधानिक मान्यता हेतु चल रहे जन जागरण अभियान के सातवे दिन किशनगढ मुख्य चौराहे पर अभियान सह प्रभारी सुशील दाधीच तिलोनिया के नेतृत्व मे 147 पोस्टकार्ड प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति को लिख कर भेजे। जिनमें राजस्थानी भाषा को शीध्र संवैधानिक दर्जा देने की माँग की गयी। अभियान के संयोजक एडवोकेट विजय पारीक ने बताया कि राजस्थानी भाषा के 11 करोड़ से अधिक बोलने वाले होने व समृद्ध शब्दकोश होने के बावजूद अभी तक इसे संवैधानिक मान्यता नही मिली है, पोस्टकार्ड के माध्यम से सरकार का ध्यानाकर्षण किया जा रहा है। सुशील दाधीच ने बताया कि आज के अभियान मे आमजन ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। इसमें किशन बंग मनीष सोनीी, राहुल शर्मा, बलराम सामरिया, बबलू धाभाई, चन्द्रसेख़र शर्माा, दिलीप पाराशर, अभिषेक सिंह, मनीष बुग़ालिया, कमल सिंह, बंशी काँवरिया, यश पालीवाल, चन्द्रप्रकाश शर्माा, चंद्रेश कुमावत, युवराज शर्माा, राजेश शर्माा, दीपक टेलर सहित अन्य ने पोस्टकार्ड लिखे।

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