मणिपाल यूनिवर्सिटी जयपुर में एनईपी कार्यान्वयन पर बैठक का आयोजन
जयपुर। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) भारत की शिक्षा प्रणाली के लिए एक गेम-चेंजर है, जो सीखने के लिए एक अधिक समग्र और बहु-विषयक दृष्टिकोण की ओर बदलाव पर जोर देती है।उच्च और तकनीकी शिक्षा विभाग ने मणिपाल यूनिवर्सिटी जयपुर में उच्च शिक्षा में एनईपी कार्यान्वयन पर राजस्थान के 51 निजी विश्वविद्यालयों की बैठक आयोजित की। कार्यक्रम की शुरुआत एमयूजे की रजिस्ट्रार, डॉ नीतू भटनागर द्वारा स्वागत भाषण से हुई। जिसके बाद उच्च शिक्षा (ग्रुप 4), संयुक्त सचिव, डॉ फिरोज अख्तर ने बैठक के संदर्भ पर बात करते हुए उच्च शिक्षा में एनईपी के महत्व और कार्यान्वयन के बारे में जानकारी दी।
प्रोफेसर ए के नागावत ने एनईपी और सीबीसीएस पर शिक्षार्थी-केंद्रित शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करने पर सत्र लिया। उन्होंने कहा कि शैक्षिक संस्थानों को उन नीतियों से आए परिवर्तनों पर गौर करने और नए फ्रेमवर्क के साथ संरेखित करने के लिए उन शिक्षण पद्धतियों को अपनाने की आवश्यकता है। इसके बाद राजस्थान राज्य के डिजिलॉकर समन्वयक, प्रकाश कुमार पाण्डेय एवं स्वर्ण प्रवाह स्वैन ने एनएडी एवं एबीसी पर प्रजेंटेशन दिया।
अंत में कमोडोर (डॉ) जवाहर जांगिड़, प्रोवोस्ट मणिपाल यूनिवर्सिटी जयपुर ने बैठक में आए सभी गणमान्य व्यक्तियों को धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने इस तरह के एक महत्वपूर्ण आयोजन की मेजबानी के लिए मणिपाल यूनिवर्सिटी जयपुर को चुनने के लिए उच्च शिक्षा विभाग को धन्यवाद दिया।
कार्यक्रम का आयोजन एनईपी के नोडल अधिकारी, डॉ. शिव दत्त कविया; निजी विश्वविद्यालयों के ओएसडी, श्री राजीव शर्मा और मणिपाल यूनिवर्सिटी जयपुर के डिप्टी रजिस्ट्रार, एडमिन द्वारा किया गया था। इस सत्र में राजस्थान के 51 निजी विश्वविद्यालयों के प्रेसिडेंट्स, प्रो प्रेसिडेंट्स और रजिस्ट्रार उपस्थित थे।