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जिला स्वास्थ्य समिति की मासिक बैठक

जिला स्वास्थ्य समिति की मासिक बैठक

  • पोपल्टी गांव जैसी घटना की पुनरावृत्ति नहीं होः सीएमएचओ

उदयपुर। जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक शनिवार को जिला कलक्टर अरविन्द पोसवाल के निर्देशन में जिला परिषद सभागार में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ शंकर बामणिया के सान्निध्य में हुई। इसमें डिप्टी सीएमएचओ, एडिशनल सीएमएचओ, डीडीडब्ल्यू, एसएमओ डब्ल्यूएचओ, डीपीएम, यूपीएम, बीसीएमओ, बीपीएम, एनसीडी नोडल, डीएनओ और जिले के सभी सीएचसी प्रभारी ने भाग लिया।
सीएमएचओ डॉ बामनिया ने बताया कि बैठक में मौसमी बीमारियों पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। उन्होंने पोपल्टी जैसी घटना की पुनरावृत्ति नहीं हो इसके लिए विशेष सतर्कता बरतने पर जोर दिया। जल जनित बीमारियों से बचाव के लिए लोगों को जागृत करने तथा दूषित पानी का ट्रीटमेंट करने की आवश्यकता जताई। गांव में पीने के पानी के सैंपल टेस्ट के लिए भिजवाने, इकट्ठा हुए पानी में एमएलओ और टेमीफ़ोस का छिड़काव करने, तथा कहीं भी अनहोनी घटना होने पर तुरंत प्रभाव से जिला स्तर को सूचित करने के भी निर्देश दिए।
अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ रागिनी अग्रवाल ने बताया कि ई केवाईसी द्वारा बनाए गए आयुष्मान भारत कार्ड बनाने में कोटडा,गोगुंदा और गिर्वा और वितरण में कानोड़, फतेह नगर और खेरवाड़ा की प्रगति कम पाई गई है। इस पर विशेष ज्ञान देने के लिए कहा गया। अन्य क्षेत्रों में वितरण कार्य संतोषजनक पाया गया। आभा आईडी बनाने में गोगुंदा, गिर्वा और नयागांव की कम प्रगति पाई गई इसे सुधारने के निर्देश दिए गए। परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत नसबंदी केस बढ़ाने के निर्देश दिए। कोटडा, सायरा और फलासिया में नसबंदी केस की संख्या कम होने पर नाराज की जताई। पीपीआईयूसीडी में गोगुंदा, फलासिया और झाड़ोल एवं अंतरा इंजेक्शन में उदयपुर शहर ,मावली और भींडर की कम प्रगति पर असंतोष जताया।
आरसीएच की समीक्षा में डॉ अक्षय व्यास और मुदित माथुर ने बताया कि जहां कम डिलीवरी हो रही है उन स्थानों पर सुविधाएं बढाकर डिलीवरी को बढ़ाया जाए। जीरो डिलीवरी वाले संस्थानों को विशेष ध्यान देकर अपने यहां डिलीवरी बढ़ाने का प्रयास करने को कहा गया। डिलीवरी केस ऑनलाइन करने के निर्देश दिए। अभी 64 प्रतिशत डिलीवरी ही ऑनलाइन हो पाई है। 1589 मिसिंग डिलीवरी को पता लगाकर ऑनलाइन करने के निर्देश दिए। टीकाकरण में शहरी स्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति अच्छी नहीं पाई गई।
डीपीसी डॉ मोहन धाकड़ डीडीडब्ल्यू प्रभारी ने बताया कि राज्य सरकार की निशुल्क दवा योजना एवं जांच योजना में उदयपुर जिले की स्थिति अच्छी है, थोड़े से प्रयासों से इसे फिर से टॉप पर लाया जा सकता है। सभी संस्था अपने द्वारा समय पर रोगी पर्ची की ऑनलाइन एंट्री करें एवं विभाग द्वारा दिए गए 8 पॉइंट पर सभी गतिविधियां पूर्ण करें। 10 जांच से कम करने वाले संस्थान पीपलबारा, पलाना कला और पिछोली को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।
उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अंकित जैन ने बताया कि बारिश के मौसम में मौसमी बीमारियां बढ़ जाती है इसके लिए सभी संस्थानों पर एक रैपिड रिस्पांस टीम का गठन किया जा चुका है उसे तैयार रहना चाहिए ताकि पोपल्टी गांव जैसी घटना होने पर तुरंत कार्रवाई अमल में लाई जा सके। बारिश का पानी जहां इकट्ठा हो वहां एंटी लार्वा और एंटी एडल्ट एक्टिविटी करवाई जाए। मच्छरों के लार्वा को पनपने नहीं दिया जाए। गुजरात में फैल रहे चांदीपुरा वायरस से बचाव की सारी गतिविधियों की जाए।
डॉ बामनिया ने शहरी क्षेत्रों में मलेरिया, डेंगू की रोकथाम के लिए सभी आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए। सभी बुखार के रोगियों की ब्लड स्लाइड बनाकर जांच करने के निर्देश दिए। सिकल सेल एनीमिया की जांच बढ़ा कर शेष बचे लोगों की स्क्रीनिंग जल्द ही पूरी करने के भी निर्देश दिए। डॉ बामणिया ने निर्देशित किया कि जिले में कार्यरत सभी नीम हकीमों पर योजना बनाकर तुरंत कार्रवाई की जाए। एनीमिया मुक्त राजस्थान कार्यक्रम में झाड़ोल, ऋषभदेव और उदयपुर शहर की प्रगति कम होने पर नाराजगी जताते हुए प्रगति बढ़ाने के निर्देश दिए। जेएसवाई और आरएसवाई के नयागांव, झाड़ोल , गोगुंदा को पेंडेंसी खत्म करने के निर्देश दिए। एनसीडी नोडल डॉ प्रणव भावसार ने आभा आईडी बनाने की गति बढ़ाने के कहा। 30 वर्ष से अधिक सभी की एनसीडी की जांच कर पोर्टल पर ऑनलाइन करने को कहा।

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