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टोंक के सरकारी स्कूलों के नौ विद्यार्थियों ने किया ‘आईआईटी-एडवांस‘ के लिए क्वालीफाई

टोंक के सरकारी स्कूलों के नौ विद्यार्थियों ने किया ‘आईआईटी-एडवांस‘ के लिए क्वालीफाई

 

जयपुर। राजस्थान में सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को समय की आवश्यकता के अनुरूप आधुनिक संसाधनों से युक्त माहौल में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए राज्य सरकार की सतत मुहिम के नित नए और सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नाम से अंग्रेजी माध्यम के सरकारी स्कूलों की शुरूआत से लेकर स्वामी विवेकानंद मॉडल स्कूल और कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय जैसे ‘मॉडर्न कंसेप्ट‘ के साथ प्रदेश में सरकारी विद्यालयों की आबोहवा में आमूल बदलाव लाने की बात हो या फिर ‘राजस्थान में शिक्षा के बढ़ते कदम‘, ‘मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना‘ और ‘मुख्यमंत्री निःशुल्क यूनिफॉर्म वितरण‘ जैसे नवाचारों से राजकीय स्कूलों की सीरत और सूरत को संवारने की पहल, प्रदेश में ऐसे सभी प्रयास स्कूली शिक्षा में क्रांतिकारी बदलाव के प्रतीक बनकर विद्यार्थियों की सफलता के सारथी बन रहे हैं। टोंक जिले के सरकारी स्कूलों में से निकलकर आई सात विद्यार्थियों के ‘आईआईटी-जेईई मेंस‘ में चयन के बाद ‘आईआईटी एडवांस‘ के लिए क्वालीफाई करने की कहानी भी राजस्थान के सरकारी स्कूलों में धरातल पर बदलाव की हकीकत को बखूबी बयां कर रही है।

टोंक जिले में स्कूली शिक्षा को नए मुकाम पर ले जाने की राज्य सरकार की कोशिशों को स्थानीय स्तर पर जिला प्रशासन के नवाचार ‘मिशन लक्ष्य साधना‘ ने नई धार दी है। राज्य सरकार एवं स्थानीय स्तर पर प्रदेश के नौनिहालों के कॅरियर को संवारने के लिए समेकित प्रयासों से टोंक के सरकारी स्कूलों में 12 वीं कक्षा के नौ विद्यार्थियों अक्षरा जैन (स्वामी विवेकानंद गवर्नमेंट मॉडल स्कूल, निवाई, पर्सेंटाइल स्कोर 99.21, ऑल इंडिया रैंक-1253, श्रेणी जनरल-ईडब्ल्यूएस), सुमित वर्मा (स्वामी विवेकानंद गवर्नमेंट मॉडल स्कूल, निवाई, पर्सेंटाइल स्कोर 86.45, ऑल इंडिया रैंक-49058, श्रेणी ओबीसी-एनसीएल), राजीव लालावत (राजकीय सीनियर सैकेण्डरी स्कूल, देवली, पर्सेंटाइल स्कोर 82.42, ऑल इंडिया रैंक-11193, श्रेणी-एससी), आशीष कुमावत (राजकीय सीनियर सैकेण्डरी स्कूल, मालपुरा, पर्सेंटाइल स्कोर 80.65, ऑल इंडिया रैंक-73188, श्रेणी ओबीसी-एनसीएल), अक्षय कुमार मीना (राजकीय सीनियर सैकेण्डरी स्कूल, उनियारा, पर्सेंटाइल स्कोर 74.71, ऑल इंडिया रैंक-5076, श्रेणी-एसटी), राहुल मीना (राजकीय सीनियर सैकेण्डरी स्कूल, निवाई, पर्सेंटाइल स्कोर 69.04, ऑल इंडिया रैंक-7131, श्रेणी एसटी), नितिन बैरवा (राजकीय सीनियर सैकेण्डरी स्कूल, निवाई, पर्सेंटाइल स्कोर 62.93, ऑल इंडिया रैंक-31593, श्रेणी एससी), ललित कुमार मीना (राजकीय सीनियर सैकेण्डरी स्कूल, देवली, पर्सेंटाइल स्कोर 57.18, श्रेणी एसटी) एवं दुष्यंत वर्मा (राजकीय सीनियर सैकेण्डरी स्कूल, निवाई, पर्सेंटाइल स्कोर 54.34, ऑल इंडिया रैंक-42075, श्रेणी एससी) ने परचम लहराया है। शिक्षा मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला, शिक्षा राज्य मंत्री श्रीमती जाहिदा खान, अतिरिक्त मुख्य सचिव, स्कूल शिक्षा श्रीमती अपर्णा अरोड़ा, राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद के आयुक्त एवं राज्य परियोजना निदेशक डॉ. मोहन लाल यादव एवं स्कूल शिक्षा निदेशक श्री गौरव अग्रवाल ने इस विशेष उपलब्धि पर खुशी का इजहार करते हुए ‘आईआईटी-जेईई मेंस‘ में सफल विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों के साथ टोंक के जिला प्रशासन, जिले के शिक्षा अधिकारियों और शिक्षकगण को बधाई और शुभकमानाएं दी है।  

टोंक के विवेकानंद मॉडल स्कूल में पढ़ने वाले इन विद्यार्थियों के सफलता की इस उड़ान में जिला कलक्टर चिन्मयी गोपाल के ‘स्पेशल इनिशिएटिव‘ मिशन लक्ष्य साधना की बड़ी भूमिका है। इसके तहत जिले के 11 सरकारी विद्यालयों में पीसीएम (फिजिक्स-कैमिस्ट्री-मैथ्स) एवं पीसीबी (फिजिक्स-कैमिस्ट्री-बायो) स्ट्रीम्स के विद्यार्थियों को आईआईटी और नीट की ‘फ्री‘ कोचिंग दी जा रही है। इसके तहत टोंक जिले में टोडारायसिंह, मालपुरा, उनियारा, देवली एवं निवाई में संचालित स्वामी विवेकानंद राजकीय मॉडल स्कूल के साथ-साथ इन स्थानों पर ही संचालित 5 राजकीय सीनियर सैकेण्डरी स्कूलों तथा टोंक के गलजार बाग में चल रहे महात्मा गांधी राजकीय अंग्रेजी माध्यमिक विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को कोचिंग दी जा रही है। आईआईटी और नीट की तैयारी के लिए जहां देश और प्रदेश में प्राइवेट सैक्टर के तहत बड़े शहरों में संचालित कोचिंग संस्थानों में विद्यार्थियों को भारी-भरकम फीस चुकानी पड़ती है, वहीं राजस्थान के सरकारी विद्यालयों के जमाने के साथ बदलते आदर्श माहौल से निकले टोंक के इन नौ होनहार विद्यार्थियों ने ‘मिशन लक्ष्य साधना‘ में निःशुल्क कोचिंग के दम पर कड़ी प्रतिस्पर्धा के आसमां पर जिस प्रकार अपनी प्रतिभा की छाप छोड़ी है, वह इस बात को बार-बार रेखांकित कर रहा है कि प्रदेश में स्कूली शिक्षा में बदलाव एवं प्रगति के लिए राजस्थान सरकार के सिलसिलेवार प्रयास नए आयाम स्थापित कर रहे हैं।  

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