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नागोरिया मठ में शिखर कलश पुनः प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम सम्पन्न

नागोरिया मठ में शिखर कलश पुनः प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम सम्पन्न

 डीडवाना. नगर के आदिसिद्ध स्थान श्री नागोरिया मठ में चार दिवसीय शिखर कलश पुनः प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम बुधवार को सम्पन्न हुआ। जानकारी देते हुए प्रधान अर्चक बिहारी लाल शास्त्री ने बताया कि 28 जनवरी से 31 जनवरी तक चार दिवसीय शिखर कलश पुनः प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के तहत जलाधिवास, धान्यादिवास, फलादिवास, शयनादिवास, हवन, अभिषेक, प्रतिष्ठा, आरती के संपन्न हुए। चार दिवसीय इस कार्यक्रम के दौरान विष्णुसहस्त्रनाम, नारायण कवच, सुदर्शन कवच, मूलमंत्रात्मक हवन आदि किया गया। इस दौरान नागोरिया मठ के पीठाधीश्वर श्री श्री 1008 अनन्त श्रीविभूषित श्रीमद्जगदगुरु स्वामी श्रीविष्णुप्रपन्नाचार्य महाराज का पावन सानिध्य रहा।
इस वजह से मंदिर पर होता है शिखर कलश 
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार हर दिन लोग मंदिर जाकर भगवान की पूजा करते हैं लेकिन किसी कारण से मंदिर नहीं जा पाते हैं तो शास्त्रों में उनके लिए भी उपाय बताया गया है कि मंदिर ना जाने से भी मंदिर जाने का पुण्य मिलता है। माना जाता है कि मंदिर के अंदर नहीं जा पा रहे हैं तो बाहर से ही मंदिर के शिखर को प्रणाम कर सकते हैं। माना जाता है कि शिखर दर्शन से भी उतना पुण्य मिलता है जितना मंदिर में प्रतिमा के दर्शन करने से मिलता है। शास्त्रों में कई जगह लिखा गया है कि शिखर दर्शनम पाप नाशम। इसका अर्थ है कि शिखर के दर्शन कर लेने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।मंदिर ऊंचे बनाने और उनपर शिखर लगाने का ये कारण होता है कि लोग आसानी से मंदिर के शिखर को देख पाएं। माना जाता है कि जब भी मंदिर के बाहर से गुजरें तो ध्वज और कलश को प्रणाम जरुर करना चाहिए। शिखर के दर्शन करते हुए आंखें बंद करके अपने इष्ट देव को अवश्य याद करना चाहिए। इससे मंदिर में जाने जितना ही पुण्य प्राप्त होता है।

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