पालिका और प्लॉट मालिक की लापरवाही बनी मुसीबत:
20 फीट गहरा गड्ढा पानी से हुआ लबालब,दो मकान गिरने की संभावना
पालिका की अनियमितताएं के चलते पानी निकासी नाला को डकार गए लोग,भवन बनाने की तैयारी
सुमेरपुर। पुखराज कुमावत।शहरी क्षेत्र में बिपरजायँ तूफान एवं बारिश को लेकर उपखंड प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड पर है,वही गुरुवार को तूफान के साथ बारिश ने प्रवेश कर शुक्रवार को सुमेरपुर शहर सहित आसपास ग्रामीण क्षेत्रों में दस्तक दे दी है और शुक्रवार सुबह से शनिवार तक बारिश और तूफान का दौर जारी रहा। इन सभी को ध्यान में रखते हुए कई इलाकों में रेड पलट हैं और मौसम मौसम विभाग के अनुसार 16 से 18 जून तक जिला प्रशासन,उपखंड प्रशासन,पालिका प्रशासन,सामाजिक संस्था,जनप्रतिनिधि समेत कई लोग बिपरजायँ तूफान व रिमझिम बारिश के चलते शहर समेत आस-पास ग्रामीण अंचलों में कोई हताहत नहीं हो इस संबंध में सभी मुस्तैद नजर आ रहे हैं। सुमेरपुर उपखंड अधिकारी हरिसिंह देवल के साथ उनकी पूरी टीम और पुलिस प्रशासन भी सक्रियता से लगातार काम कर रहे हैं तथा क्षेत्र की पल-पल अपडेट लेकर लोगों से अपील की जा रही है। वही शनिवार को सुमेरपुर नगर पालिका की अनियमितताएं शहरी क्षेत्र में पोल खोलती नजर आ रही है। जनप्रतिनिधियों की मिलीभगत के कारण शहरी क्षेत्र में पालिका की लगातार हठधर्मिता,लापरवाही, उदासीनता एक बार फिर सामने आ रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार शहरी क्षेत्र में 40×135 का प्लॉट स्थित है जहां भवन निर्माण हेतु 20 फीट खोदा गया गहरा गड्ढा पुरा पानी से लबालब भर गया है और पास में बने 2 मकान के गिरने की संभावना है। पालिका के
वार्ड नंबर 32, का मामला है जहां नगर निकाय के नियमों को ताक में रखकरअनियमितताएं बरती जा रही हैं। पालिका द्वारा पिछले कई दिनों से लगातार अवैध निर्माण कार्य प्रगति पर हैं और बहुत बड़े प्लॉट में खोदा गया 20 फीट गहरा अंडर ग्राउंड मैं पानी भरने से पड़ोसियों को भारी नुकसान हो सकता है। शहर में बड़े-बड़े कांपलेक्स के साथ भवन निर्माण कार्य वर्षों से जोरों पर हैं, इसको लेकर कई दैनिक अखबारों में समाचारों के माध्यम से पालिका प्रशासन का ध्यान आकर्षित करने के बाद आज दिन तक कोई ठोस कार्रवाई या कदम नहीं उठाया जा रहा है,इससे स्पष्ट हो रहा है कि पालिका प्रशासन शहर वासियों के लिए कितनी मुस्तैद और वफादारी से काम कर रही हैं। पानी से भरे गड्ढों की तस्वीरों को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है की आमजन की सुरक्षा हेतु पालिका कितनी अलर्ट है । सूत्रों के अनुसार वार्ड नंबर 32 में निर्माण के लिए खोदा गया गड्ढा किसी पार्षद का बताया जा रहा है और इनकी नातो स्वीकृति है ,नाही अंडर ग्राउंड की परमिशन होने की बात सामने आ रही है। इधर पानी से भरे प्लॉट को देखकर लोगों की भीड़ जमा हो गई ,लेकिन संबंधित वार्ड के पार्षद और पालिका प्रशासन ने मकान मालिकों के प्रति हिम्मत नही दिखाई।
नाले की जमीन को डकार गए लोग-
ज्ञात रहे कि शहरी क्षेत्र में चल रहे बिना परमिशन अवैध निर्माण कार्य को लेकर पालिका प्रशासन पूरी तरह से कुंभकरण की नींद में सोया हुआ दिखाई दे रहा है और कार्रवाई के नाम पर पालिका के जिम्मेदार पूरी तरह से सुस्त साबित हो रहे हैं। पालिका की व्यवस्था शहरी क्षेत्र में पूरी तरह से लाचार होती जा रही हैं जिसकी कतई चिंता नहीं है। प्राप्त सूत्रों के अनुसार जनप्रतिनिधियों की मिलीभगत व पालिका की सांठगांठ से वार्ड संख्या 32 में निर्माणाधीन प्लॉट के पास स्थित एक नाला को भी डकार गए कुछ लोग। यह भी बात सामने आ रही है कि प्लॉट में एक पार्षद की पार्टनरशिप है और उनके सहयोग से नाले पर अतिक्रमण कर बिना स्वीकृति से अवैध कार्य हो रहा है। सूत्रों द्वारा बताया जा रहा है कि वहां पानी निकासी के लिए नाला था जिसे एक पार्षद द्वारा बंद कर उसे भवन के कब्जे में लेने की बात सामने आ रही है और उक्त निर्माणाधीन प्लॉट की किसी भी प्रकार की स्वीकृति नहीं होने का मामला सामने आ रहा है। गौरतलब है कि शहरी क्षेत्र में सैकड़ों बिना परमिशन निर्माण कार्य हो रहा है जहां लोगों के लिए मुसीबत का शहर बनता जा रहा है। वार्ड संख्या 32 में
20फिट गहराई व
40×135 का गड्ड़ा पानी से भर गया है और भवन मालिक तथा पालिका प्रशासन की लापरवाही के चलते पास में स्थित 2 मकान गिरने की स्थिति में है।
शहर में भ्रमण कर आखिर कब सुध रेगी पालिका-
शहरी क्षेत्र में पालिका की सांठगांठ के चलते बिना स्वीकृति अंडर ग्राउंड,कॉन्प्लेक्स, भवन,दुकान,मकान के निर्माण कार्य प्रथम पायदान पर हैं जिसे कोई रोकने वाला नहीं है,चाहे कितनी भी शिकायत हो पालिका के जिम्मेदारों को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है और नाही सरकार व उच्च अधिकारियों का खौफ है। सूत्रों का कहना है कि शहरी क्षेत्र में बिना इजाजत चल रहे बड़े-बड़े अवैध निर्माण कार्यों को रोकने तथा करवाई करने की जिम्मेदारी पालिका की बनती हैं, लेकिन पालिका की लापरवाही एवं मिलीभगती के कारण सब कुछ जायज है,कैसा भी निर्माण कार्य करो कोई रोक-टोक नहीं है। निर्माण कार्यों के चलते शहर की खूबसूरत बिगड़ती जा रही है तथा पार्किंग व्यवस्था आम जन के लिए मुसीबत का पहाड़ बन रही है। आखिर पालिका प्रशासन इन निर्माण कार्यों के प्रति वफादारी से कब सुधलेगी और बिना परमिशन निर्माण कार्य पर कार्रवाई होगी। वही शहरी क्षेत्र में कार्रवाई नहीं होने के कारण पालिका प्रशासन पर बहुत बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है जहां उच्च अधिकारियों के जांच का विषय है। पालिका की सुस्ती के चलते शहर में जगह जगह निर्माण कार्य चल रहे हैं जहां नगर निकाय नियमों के आधार पर शहर में एक भी भवन निर्माण कार्य नहीं हो रहा है,वही पालिका को लाखो रुपये का राजस्व नुकसान हो रहा है ।
पालिका के जिम्मेदार नहीं उठाते फोन-
बिपरजायँ तूफान एवं बारिश को लेकर राज्य सरकार के निर्देशों की पालना में जिले से लेकर उपखंड व ग्रामीण स्तर तक प्रशासन अलर्ट है। कब जाने शहर में कोई घटना घटित न हो,उसके लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं तथा राज्य सरकार के सख्त आदेशों के अनुरूप हर अधिकारी मोबाइल पर अपडेट ले रहे हैं तथा आने वाले मोबाइल की जानकारी लेकर आश्वस्त करते हुए सुरक्षित रहने की हिदायत दी जा रही हैं। लेकिन मजे की बात है की पालिका प्रशासन मैं राम राज्य हैं, शायद यहां पर लोगों का फोन उठाना सख्त मना है। लोगों की बार-बर शिकायत मिल रही हैं किसी का भी जिम्मेदार अधिकारी व कर्मचारी फोन नहीं उठाने की बात लगातार सामने आ रही है। पालिका के जिम्मेदार अधिशासी अधिकारी व एक नहीं चार चार चार्ज देने वाले कर्मचारी द्वारा किसी का फोन नहीं उठाना हठधर्मिता है और बेपरवाह साबित हो रहे हैं।