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दो दिवसीय निशुल्क जाँच एव परामर्श शिविर का हुआ समापन

दो दिवसीय निशुल्क जाँच एव परामर्श शिविर का हुआ समापन

डीडवाना. कोविड काल के पश्चात हृदय रोगियों की संख्या में वृद्धि की बात चारों और है। न केवल हृदय रोग वरन सभी बीमारियों के मामले में यह तथ्य सत्य ने निकट है। मूलतः असंयमित जीवन, असमय भोजन, स्वास्थ्य के प्रति सजगता का अभाव, शारीरिक श्रम से दूरी, मानसिक उलझनों का जाल आदि के कारण आज का मानव अनेक बीमारियों को स्वयं आमन्त्रित करता है। बढ़ती बीमारियों के लिए स्वयं मानव ही जिम्मेदार है और वही इसका समाधान है।" उक्त विचार दो दिवसीय निःशुल्क हृदय रोग जांच एवं परामर्श शिविर के समापन अवसर पर आयोजित संगोष्ठी के मुख्य वक्ता एवं अंतरराष्ट्रीय ख्यातिलब्ध कार्डियोलोजिस्ट डॉ. श्रीवल्लभ नागौरी, कोलकाता ने व्यक्त किए। उन्होंने हृदय रोगों के कारण एव निवारण को लेकर अनेक व्यावहारिक टिप्स दिए।
संगोष्ठी के विशिष्ट अतिथि डॉ. पुरुषोत्तम काकड़ा, कोलकाता ने विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी स्वास्थ्य की परिभाषा को आधार बनाकर एक स्वस्थ व्यक्ति की पहचान करवाते हुए कहा कि वह व्यक्ति जो शारीरिक, मानसिक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक रूप से स्वस्थ, सजग एवं सक्रिय है, वही स्वस्थ है। उन्होंने कहा कि समाजसेवी संस्थाओं के माध्यम से विविध क्षेत्रों में सक्रिय लोगों का स्वास्थ्य एकाकी लोगों की बजाय उत्तम रहता है। डॉ. काकड़ा ने कहा कि 'फिलिंग फिट एवं बीइंग फ़ीट' में बड़ा अंतर है। आप स्वस्थ हैं, यह महसूस करने मात्र से काम नहीं चलता, वास्तव में आप स्वस्थ हों, यह आवश्यक है।
कार्यक्रम में विशिष्ट अथिति एवं आरएसएस के जिला संघचालक रामावतार सराफ ने सेवा को परम धर्म मानते हुए भारत विकास परिषद के मूल ध्येय एवं सेवा संस्कारों की जानकारी देते हुए डीडवाना इकाई से किसी नवीन सेवा प्रकल्प को हाथ में लेने की अपेक्षा की।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि एवं भारत विकास परिषद के क्षेत्रीय सचिव श्री विनोद सेन ने हृदय रोग जांच शिविर की उपादेयता को स्वीकार करते हुए भारत विकास परिषद के विविध प्रकल्पों की जानकारी दी तथा सभी प्रकल्पों में सक्रिय सहभागिता की अपेक्षा जाहिर की।
शिवर आयोजन समिति के स्वागताध्यक्ष ओमप्रकाश नागौरी ने कहा कि सेवा प्रकल्पों के लिए आर्थिक सौजन्य तभी संभव हो पाता है, जब हमें कोई प्रेरक व्यक्तित्व द्वारा प्रेरित किया जाए। नागौरी ने कहा कि समाजसेवी संस्थाओं का दायित्व है कि वे संपर्क, सहयोग, सेवा, संस्कार एवं समर्पण रूपी पंच सकारों को अपने आचरण में उतरते हुए कार्य करें।
शाखाध्यक्ष डॉ. गजादान चारण ने स्वागत उद्बोधन देते हुए कहा कि हमारी परिषद समाज सेवा के उत्कृष्ट कार्यों को अपने हाथ में लेकर समाजिक जागृति एवं सहयोग का कार्य करने को तैयार है। अपने स्थाई प्रकल्पों के साथ केंद्र एवं प्रांत द्वारा निर्दिष्ट कार्यक्रमों को वांछित रूप में सम्पन्न करवाने हेतु हम कृतसंकल्पित हैं।कार्यक्रम का संचालन भारत विकास परिषद के प्रांतीय प्रकल्प प्रभारी (गुरु वन्दन छात्र अभिनंदन) श्री कैलाश सोलंकी ने किया। शाखा मंत्री श्री सुरेंद्र सोनी ने सबका आभार व्यक्त करते हुए परिषद की आगामी गतिविधियों की जानकारी दी। शाखा के कोषाध्यक्ष बालमुकुंद बगड़िया ने बताया कि शिविर में कुल 125 हृदय रोगियों ने दो दिन में जाँच एव परामर्श का लाभ लिया। इस अवसर पर सर्व ओमप्रकाश मोदी, डॉ. मोहनलाल वर्मा, एडवोकेट राजेन्द्र माथुर, एल एन शर्मा, घीसा राम खींची, रामगोपाल बंजारा, राजेन्द्र दाधीच, महेश टाक, महावीर सिंह चौहान, भुवनेश कुमार, अमरीश माथुर, मोहनलाल कच्छावा, अजयरत्न सोनी, सुशील गौड़, सुनील वाल्मीकि, मनीष भारूका, कमलेश खींची एवं लोकेश अग्रवाल सहित परिषद परिवार के सभी सदस्यों ने अपनी उपस्थिति दी तथा शिविर एवं संगोष्ठी का लाभ किया। राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया। इस अवसर पर डॉ. श्रीवल्लभ नागौरी, डॉ. पुरुषोत्तम काकड़ा, डॉ रणधीर सिंह बेड़ा, अमरीश माथुर एवं ईसीजी तकनीशियन मोहम्मद अल्ताफ़ को परिषद की ओर से स्मृति चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया गया।

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