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नियमित टीकाकरण का दो दिवसीय प्रशिक्षण हुआ संपन्न

नियमित टीकाकरण का दो दिवसीय प्रशिक्षण हुआ संपन्न

सिरोही। नवजात के स्वस्थ शरीर निर्माण के लिए उचित देखभाल बेहद जरूरी है। इसे सुनिश्चित करने में सबसे बड़ा योगदान नवजात की मां का होता है। किन्तु, इसमें थोड़ी सी लापरवाही बड़ी परेशानी का कारण बन जाती है और नवजात बार-बार बीमार होने लगता है। बार-बार बीमार होना कमजोर रोग-प्रतिरोधक क्षमता का संकेत है। इसलिए जन्म के बाद नवजात की रोग-प्रतिरोधक क्षमता समेत अन्य देखभाल को लेकर पूरी तरह सजग रहना जरुरी है। इसके लिए नियमित टीकाकरण को जरूरी माना गया है, इससे बच्चों के शरीर की रक्षा होती है। 

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राजेश कुमार ने बताया की जिले की चिकित्सा संस्थानों पर कार्यरत एएनएम को नियमित टीकाकरण के सुदृढ़ीकरण के लिए दो दिवसीय डीईआईसी भवन सिरोही में प्रशिक्षण का प्रथम बैच संपन्न हुआ। उन्होने ने बताया कि नियमित टीकाकरण से बच्चों के शरीर के अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है जिससे वे विभिन्न प्रकार की बीमारियों से सुरक्षित होते हैं। बच्चों के नियमित टीकाकरण से वे जल्दी किसी भी बीमारी की चपेट में नहीं आते हैं। समय पर टीकाकरण नहीं कराने वाले बच्चों के बीमार होने का खतरा अधिक होता है, ऐसे बच्चे बार- बार बीमार होकर कमजोर व कुपोषित हो जाते हैं जिसका असर उनके शरीर एवं मन पर पड़ता है।

जानलेवा बीमारियों से करता है बचाव
जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. विवेक कुमार ने बताया की बच्चों के जानलेवा बीमारियों से बचाव के टीके लगाना सभी बच्चों के लिए जरूरी होता है। खसरा, टिटनेस, पोलियो, क्षय रोग, गलघोंटू, काली खांसी और हेपेटाइटिस बी जैसे रोगों से बचने के लिए समय पर टीकाकरण जरूरी है। कुछ टीके गर्भवती महिलाओं को भी लगाए जाते हैं, जिससे उन्हें व होने वाले शिशु को टिटनेस व अन्य गंभीर बीमारियों से बचाया जा सके। बच्चों को जुकाम, बुखार होने पर उन्हें टीका न लगवायें। प्रशिक्षण में मास्टर ट्रेनर डॉ. सुरेंद्र सिंह ने प्रशिक्षण दिया ने दिया साथ ही आरसीएचओ कार्यालय के डीईओ महेन्द्र कुमार का सहयोग रहा।

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