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अधर्म को छोड़ कर राम की शरण में आए विभीषण

अधर्म को छोड़ कर राम की शरण में आए विभीषण

सवाई माधोपुर। शहर के नगर रामलीला मैदान में नगर रामलीला मंडल समिति के तत्वावधान में चल रही रामलीला अपने अंतिम चरण में प्रवेश कर चुकी है। समिति के उपाध्यक्ष दिलीप शर्मा ने बताया के शनिवार को भक्ति रस से परिपूर्ण लीला का मंचन किया गया। इसमें सबसे पहले विभीषण ने रावण से जानकी जी को सम्मान सहित राम जी के पास बापस पहुंचाने का निवेदन किया लेकिन बदले में उसे दरबार से लात मार कर निकाल दिया गया। धर्म को छोड़कर विभीषण राम की शरण में पहुंचे और राम ने बिना संकोच के समुद्र के जल से उनका राज्याभिषेक करके लंका का राजा घोषित कर दिया । इस भक्तिपूर्ण लीला को देखकर दर्शन भाव विहोर हो गए। राम ने सागर से रास्ता मांगा। रास्ता न मिलने पर अग्नि बाढ़ से सागर को राख करने की प्रताड़ना दी ।विवश होकर सागर ने उपाय बताए और बंदरों ने समुद्र पर सेतु बांध दिया ।इस अवसर पर रामेश्वर भगवान की राम जी द्वारा स्थापना की गई जिसमें दर्शकों ने बढ़-चढ़कर दान पुण्य किया। अंतिम दृश्य में रावण और अंगद के संवाद ने उपस्थित भीड़ को जय राम के नारे लगाने के लिए विवस कर दिया इससे पूर्व स्कूल शिक्षा परिवार के जिला कोषाध्यक्ष अरविंद सिंघल ने
सपरिवार भगवान गणेश ,मां शारदे , राम ,लक्ष्मण और हनुमान जी की आरती करके लीला का मंचन प्रारंभ करवाया।
मंडल द्वारा अभिनंदन किया गया।
समिति के अध्यक्ष हरिशंकर शर्मा महामंत्री राजेंद्र शर्मा ने बताया कि रविवार को लक्ष्मण शक्ति की लीला मंचन होगा जिसमें हनुमान जी द्वारा संजीवनी बूटी लाने का सुंदर दृश्य एवं हनुमान कालनेमी एवं रावण कालनेमी की हास्य जुगलबंदी विशेष आकर्षण होगी।

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