जल दिवस कार्यक्रम में दी पानी के सदुयोग की सलाह
फलोदी . ओसवाल गौ सेवा सदन पिंजरापोल फलोदी में जल दिवस पर जलदाय विभाग के कर्मचारी एवं अधिकारियों के साथ जल विषय पर संपूर्ण चर्चा की गई।
जलदाय विभाग के जितेंद्र यादव ने बताया की धरती पर पीने लायक जल बहुत ही कम है बाकी जो समुद्र का जल है उसे मीठा बनाने और पीने लायक बनाने की लागत बहुत अधिक आती है। करोड़ों सालों से जो ग्लेशियर हमारे लिए जलापूर्ति का प्रमुख साधन है वह धीरे-धीरे ग्लोबल वार्मिंग के कारण पिघलते जा रहे हैं। हमारे क्षेत्र में वर्षा जल संचयन करने की परंपरा रही है लेकिन वर्तमान कुछ समय से हम इस परंपरा को भूल गए हैं हम बरसात के जल को इकट्ठा नहीं कर रहे हैं और जलदाय विभाग की ओर से हमें जो जल अपने घरों तक मिलता है उसके सदुपयोग के प्रति सचेत नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं खासकर माता और बहनों से कहना चाहूंगा अपने घर में जितना पानी चाहिए उतना पानी भरने के बाद में नल बंद करने की आदत डालें ताकि पानी व्यर्थ नालियों में ना बहे। पानी को लेबोरेटरी में बनाया नहीं जा सकता इसे केवल बचाकर जागृति पूर्वक इसका उपयोग करके ही आने वाली पीढ़ियों के लिए संचित व सुरक्षित रखा जा सकता है। इस अवसर पर पिंजरापोल कार्यकारिणी के सदस्यों ने जलदाय विभाग के अधिकारी कर्मचारियों को मोटे अनाज से बने व्यंजन चखाए एवं उनके गुणों पर चर्चा की। इस उपरांत गायों को गुड़ खिलाकर गायों की आरती की गई। इससे दिन पूर्व विश्व वानिकी दिवस के उपलक्ष में पिंजरापोल में बने छोटे वन का भ्रमण कर आगंतुक मेहमानों को वन की उपयोगिता से अवगत करवाया गया।