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कृषक वैज्ञानिक संवाद में प्रगतिशील कृषकों को किया सम्मानित

कृषक वैज्ञानिक संवाद में प्रगतिशील कृषकों को किया सम्मानित

गंगानगर। कृषि तकनीकी संदर्भ ज्ञान केन्द्र (आत्मा), गंगानगर के सभागार में कृषक वैज्ञानिक संवाद का आयोजन किया गया, जिसमें जिले के लगभग 20 वैज्ञानिक व अधिकारीगण तथा कर्मचारी तथा 80 कृषकों ने भाग लिया।
कृषक पुरस्कार समारोह में वर्ष 2024-25 के जिला एवं ब्लॉक स्तरीय चयनित कृषकों को प्रमाण-पत्र देकर पुरस्कृत किया गया, जिन्होंने जैविक, नवाचार, उद्यानिकी, कृषि एवं पशुपालन अपनाकर उत्कृष्ट कार्य किया। कृषक पुरस्कार समारोह में वर्ष 2024-25 के 25 कृषकों को स्मृति चिन्ह, मेडल व प्रमाण-पत्र देकर पुरस्कृत किया गया। कृषक हित में उत्कृष्ट कार्य करने वाले किसानों एवं अधिकारियों को सम्मानित किया गया।
संयुक्त निदेशक कृषि (विस्तार) जिला परिषद डॉ. सतीश कुमार शर्मा ने कहा कि फार्मर रजिस्ट्रेशन कैम्प में बढ़-चढ़कर किसान भाग लेवें व अपनी फार्मर आईडी तैयार करवायें तथा ज्यादा से ज्यादा किसान फसल बीमा करवायें ताकि प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान से बचा जा सके। कृषि विभाग की विभिन्न देय सुविधायें जैसे डिग्गी, तारबंदी, फार्म पौण्ड, कृषि यंत्र, पाईप लाईन इत्यादि में अधिक से अधिक आवेदन करें ताकि कृषक इसे अपनाकर अपनी आय बढ़ा सके।
उप परियोजना निदेशक (आत्मा) सुदेश कुमार द्वारा कृषि विभाग की विभिन्न कृषक हित के लाभकारी योजनाओं की विस्तार से जानकारी देते हुए कृषकों का अभिवादन करते हुए आत्मा योजना के कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने का संदेश दिया तथा कृषि के क्षेत्र में किए जा रहे नवाचार व आधुनिक खेती के बारे में जानकारी दी। कृषकों से इसे अपनाकर कृषि उत्पादन में वृद्धि करने व आय बढ़ाने की सलाह दी।
सहायक निदेशक उद्यान प्रदीप शर्मा द्वारा उद्यान की योजनाएं किसानों को बताई।
डॉ. बलराम गोदारा पूर्व कृषि वैज्ञानिक द्वारा जैविक खेती एवं उसके घटक की विस्तार से जानकारी दी। सेवानिवृत उप निदेशक कृषि डॉ. मिलिन्द सिंह द्वारा फसलों में माइक्रोन्युट्रिएंट का महत्व एवं जिप्सम का दलहनी व तिलहनी फसलों में महत्व के बारे में बताया।
प्रकाश चन्द्र वनस्पति संरक्षण अधिकारी (कीट विज्ञान) टिड्डी सह एकीकृत नाशीजीव प्रबन्धन केन्द गंगानगर द्वारा रबी फसल में लगने वाले कीटों का जीवन चक्र एवं नियंत्रण उपाय बताये एवं कीटों के जैविक नियंत्रण एवं परजीवियों द्वारा कैसे कीटों व रोगों का नियंत्रण किया जाता है, विस्तृत रूप से चर्चा की। लोकेश कुमार मीणा सहायक वनस्पति संरक्षण अधिकारी द्वारा ट्राईकोडर्मा उत्पादन से संबंधित सम्पूर्ण जानकारी दी गई एवं कीट नियंत्रण व्यवहारिक, यांत्रिक, जैविक व अंत में रासायनिक नियंत्रण कैसे किया जाता है, विस्तार से बताया। कृषक वैज्ञानिक संवाद में कृषक महेन्द्र कुमार किरोड़िवाल ने भी जैविक खेती पर अपने विचार रखे।
डॉ. विनोद सिंह गौतम उप निदेशक कृषि एवं पदेन परियोजना निदेशक द्वारा आभार व्यक्त किया गया एवं आत्मा द्वारा कृषकों को देय सुविधा पर विस्तृत चर्चा की। मंच सचालन प्रदीप शर्मा सहायक निदेशक उद्यान द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में उप निदेशक उद्यान प्रीति गर्ग, सहायक निदेशक कृषि (विस्तार) सुशील कुमार शर्मा, कृषि अधिकारी विकास भादु, सहायक कृषि अधिकारी बजरंग लाल, भीमराज जाखड़, राजेन्द्र कुमार, दीपक शर्मा व कृषि पर्यवेक्षक संदीप कुमार, रेखा आदि उपस्थित रहे।

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