
उद्यान आभा तूफान एक्सप्रेस ट्रेन के स्थाई तौर पर बंद होने को लेकर संशय बरकरार आरटीआई में रेलवे बोर्ड ने कहा अभी स्थगित है ट्रेन
श्रीगंगानगर। विगत 24 मार्च 2020 के बाद से बंद पड़ी उद्यान आभा तूफान एक्सप्रेस गाड़ी पूरी तरह से बंद नहीं बल्कि तकनीकि कारणों से स्थगित की गई है। यह खुलासा रेलवे बोर्ड ने पंजाब के पत्रकार देवेंद्रपाल सिंह की ओर से लगाई आरटीआई में किया है। सूचना में यह भी कहा गया है कि स्थगित की गई उद्यान आभा या इसकी जगह पर किसी दूसरी गाड़ी का संचालन शुरू करने के लिए श्रीगंगानगर के श्री सांसद निहाल चंद मेघवाल के अलावा अन्य किसी भी सांसद ने रेल मंत्रालय से इसे शुरू करने की मांग नहीं की। जबकि व्यापार मंडल सहित विभिन्न रेल यात्री संगठनों द्वारा कई अन्य सांसदों को इस बारे में अनेकों ज्ञापन सौंपे जा चुके हैं।
रेलवे बोर्ड नई दिल्ली से उद्यान आभा गाड़ी बंद करने के बारे में आरटीआई के तहत विस्तार सहित मांगी गई जानकारी के जबाव में लिखा गया है कि भारतीय रेलवे ने आईआईटी बॉम्बे के सहयोग से वैज्ञानिक तरीके से नई समय सारिणी का युक्तिकरण किया है। यह युक्तिकरण प्रक्रिया कई अन्य समस्याओं के साथ-साथ अनुरक्षण कॉरिडोर ब्लॉक बनाने, रेल सेवाओं की गति बढ़ाने और मौजूदा समय सारिणी में टकराव को कम करके बेहतर यात्री सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए की गई है। इस प्रक्रिया को कार्यरूप देने के लिए ही हावड़ा-श्रीगंगानगर उद्यान आभा एक्सप्रैस रेलगाड़ी की सेवाएं स्थगित की गई है।
बोर्ड की इस जानकारी से यह बात स्पष्ट हो गई है कि अगर उद्यान आभा गाड़ी को शीघ्र ही शुरू करने की मांग की जाए तो यह नई समय सारिणी के साथ छोटे स्टेशनों को छोडक़र समयबद्धता के साथ चलाई जा सकती है, जिससे दिल्ली, आगरा और कानपुर जैसे औद्योगिक शहरों को जाने वाले व्यापारियों व दूर दराज शहरों को जाने वाले यात्रियों को भारी राहत मिलेगी।
एक अन्य जानकारी के जबाव में रेलवे बोर्ड ने स्पष्ट रूप से लिखा है कि स्थगित की गई उद्यान आभा गाड़ी को पुनरू शुरू करवाने के लिए श्रीगंगानगर के सांसद श्री निहाल चंद मेघवाल के अलावा अन्य किसी भी सांसद ने इसकी मांग नहीं उठाई। श्री निहाल चंद मेघवाल द्वारा इस गाड़ी को शीघ्र ही शुरू करने के बारे में भेजे गए दो पत्रों की प्रति भी बोर्ड ने जानकारी के लिए संलग्र की है। 13 अक्टूबर 2020 को श्री मेघवाल द्वारा लिखे गए पत्र में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि 13008 उद्यान आभा एक्सप्रैस गाड़ी राजस्थान के श्रीगंगानगर से चलकर पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल सहित सात राज्यों को आपस में जोड़ती है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि अगर इस गाड़ी के संचालन में किसी प्रकार की समस्या है तो इसके स्थान पर हावड़ा से प्रयागराज के बीच चलने वाली गाड़ी संख्या 12333/34 विभूती एक्सप्रेस को श्रीगंगानगर तक बढ़ाया जाए ताकि लंबी दूरी के यात्रियों को होने वाली परेशानी से निजात मिल सके।
ज़ेडआरयूसीसी के पूर्व सदस्य श्री भीम शर्मा ने इस गाड़ी को बंद किए जाने के पीछे रेलवे अधिकारियों व निजी बस ऑपरेटर की जुगलबंदी का अंदेशा जताया है। श्री शर्मा ने बताया कि अनेक दशकों पूर्व यह ट्रैन सौग़ात के रूप में मिली थी। उस समय से साल 1993 तक श्रीगंगानगर से दिल्ली के मध्य सफर करवाने वाली यह इकलौती ट्रैन थी। साल 1993 में श्रीगंगानगर से दिल्ली के बीच चली इंटरसिटी ने नये सफर का अनुभव करवाया। उसके बाद सराय रोहिल्ला सुपरफास्ट, नांदेड़ व तिलकब्रिज वाली ट्रेन ने श्रीगंगानगर को दिल्ली से जोड़ा। इन सबके बावजूद उद्यान आभा एक्सप्रेस के यात्रीभार पर कोई असर नही पड़ा। लॉकडाउन के दौरान जब देशभर की ट्रेनों के पहिये थम गये तो इस्टर्न रेल्वे के तत्तकालीन चीफ पैसेंजर ट्रांसपोर्टेशन मैनेजर के.एन. चंद्रा की ओर से ईस्टर्न रेलवे की 10 मेल/एक्सप्रेस व 7 पैसेन्जर ट्रैनों को अलग-अलग कारणों से स्थाई रूप से बन्द करने की अनुशंसा करते हुए रेलवे बोर्ड के प्रिंसिपल एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर (कोचिंग) को लिखा गया।
भीम शर्मा के अनुसार ईस्टर्न रेलवे के सीपीटीएम की ओर से उस समय इस ट्रेन को बंद करने के पीछे जो मुख्य कारण बताये गये, उनमें मुख्य रूप से बताया गया हैं कि लगभग 1973 किलोमीटर का एकतरफा सफर के दौरान ट्रंक रुट पर चलने वाली यह ट्रेन एंड टू एंड 112 स्टेशन पर ठहराव करती हैं। ट्रंक रुट पर इतने ज्यादा ठहराव होने से तेज गति की अन्य ट्रेनों पर इसका असर पड़ता हैं। साल में अनेक बार भिन्न-भिन्न कारणों से ट्रेन को हावड़ा-दीनदयाल उपाध्याय स्टेशन के मध्य रद्द करना पड़ता हैं। कोहरे के दिनों में भी इसे अनेक महीनों तक बन्द करना पड़ता हैं। ट्रैन का मालिकाना हक ईस्टर्न रेलवे का होने के कारण इसका प्राथमिक अनुरक्षण हावड़ा में होता हैं। ट्रैन को स्थायी रूप से बन्द से ईस्टर्न रेलवे को बड़ा लाभ ये बताया गया कि इसी ट्रैन के रैक लिंक में संचालित गाड़ी संख्या 13049/50 हावड़ा-अमृतसर-हावड़ा एक्सप्रेस को भी बन्द करने की अनुशंसा की गयी। इन दोनों ट्रैन को बंद करने से कुल 10 रैक फ्री होंगे व हावड़ा के पिट लाइन पर दोनों के मेंटिनेंस के स्लॉट बच जायेंगे, जिनका उपयोग अन्य ट्रेनों के संचालन में किया जा सकेगा।
भीम शर्मा ने बताया कि यह ट्रेन उत्तर प्रदेश व बिहार जाने वालों के लिये कम किराये की महत्वपूर्ण सफल ट्रैन थी। यह ट्रेन पुन शुरू हो इसके लिये पूर्व केंद्रीय मंत्री व सांसद श्री निहालचंद जल्द ही रेलमंत्री श्री अश्विनी वैष्णव से मिलेंगे। ट्रैन बन्द न हो इसके लिये इसे सुपरफास्ट का दर्जा दिलवाने का प्रस्ताव तैयार कर पहले ही दे दिया गया हैं। दिल्ली से आगे अधिकांश ठहराव भले ही समाप्त कर दिये जायें, लेकिन बंद नही होनी चाहिये। श्रीगंगानगर से हावड़ा के मध्य महत्वपूर्ण स्टेशन पर ही ठहराव हो। इस पर रेलवे बोर्ड के अधिकारियो से भी विस्तृत चर्चा की जायेगी।