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‘‘1 से 7 अगस्त तक मनायेगे विश्व स्तनपान सप्ताह’’

‘‘1 से 7 अगस्त तक मनायेगे विश्व स्तनपान सप्ताह’’

  • ‘‘माँ का दूध शिशु के लिए जरूरी’’

  • ‘‘शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में माँ का दूध अमृत तुल्य’’

जयपुर। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जयपुर प्रथम डॉ. रवि शेखावत ने बताया कि स्तनपान के प्रति जन-जागरूकता लाने के मकसद से अगस्त माह के प्रथम सप्ताह को पूरे विश्व में स्तनपान सप्ताह के रूप में मनाया जाता है।

जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी जयपुर प्रथम डॉ. धर्मेंद्र कराड़िया ने बताया कि जिले में चिकित्सा केन्द्रों पर स्तनपान जागरूकता सप्ताह प्रारंभ किया जा रहा है। जिसमे स्तनपान सप्ताह के दौरान माँ के दूध के महत्व की जानकारी देने के साथ ही उन्हें बताया जा रहा है कि नवजात शिशुओं के लिए माँ का दूध अमृत के समान है। माँ का दूध शिशुओं को कुपोषण व अतिसार जैसी बीमारियों से बचाता है। स्तनपान को बढ़ावा देकर शिशु मृत्यु दर में कमी लाई जा सकती है। शिशुओं को जन्म से छः माह तक केवल माँ का दूध पिलाने के लिए महिलाओं को इस सप्ताह के दौरान विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जायेगा साथ ही कम से कम 2 वर्ष तक स्तनपान जारी रखने के महत्व पर जागरुकता करने के लिये सप्ताहभर गतिविधियॉ की जावेगी।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जयपुर प्रथम डॉ. रवि शेखावत ने बताया कि इस वर्ष मुख्य रुप से ‘‘क्लोजिंग द गैप ब्रेस्ट फिडिंग सपोर्ट फॉर ऑल ’’ गतिविधि पर जोर दिया गया है। तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा सामान्य व सिजेरियन प्रसव की स्थिति में जन्म के एक घण्टे के अन्दर स्तनपान की शुरुवात सुनिष्चित करने पर ध्यान केन्द्रित करते हुये विश्व स्तनपान सप्ताह मनाने के निर्देशित किया गया है। विश्वभर के बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार और स्तनपान कराने को प्रोत्साहित करने के लिए देशों में प्रतिवर्ष अगस्त माह के पहले सप्ताह (एक अगस्त से सात अगस्त) में मनाया जाता है। इसका उद्देश्य मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाना भी है। माँ का दूध बच्चे के लिए अनमोल उपहार है। मां का दूध, बच्चे के सम्पूर्ण विकास के लिए पोषण का सबसे अच्छा स्रोत है तथा बच्चे को छह महीने की अवस्था तक मां के दूध के अलावा अन्य कोई वैकल्पिक आहार नहीं दिया जाना चाहिए। प्रत्येक माँ को स्तनपान कराने की तकनीकों जैसे कि स्तनपान कैसे कराएँ? और स्तनपान कब कराना चाहिए? तथा स्तनपान से संबंधित अन्य पहलुओं के बारे में जानकारी प्राप्त करनी चाहिए। उन्होने यह भी बताया कि चिकित्सा संस्थानों में मनाए जा रहे स्तनपान सप्ताह के दौरान यशोदा अहम भूमिका निभा रही हैं, प्रसव होने के बाद मां को अपने नवजात को स्तनपान कैसे करवाना है, इसके लिए प्रसूति वार्ड में नियुक्त यशोदा उसे प्रशिक्षित करेगी।

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