चुनाव विश्लेषकों का दावा : आएगा तो मोदी ही
देश के जाने माने चुनाव विश्लेषकों ने एक मत से यह स्वीकार किया है की आएगा तो मोदी ही। यह जरूर है कि इनके जीत के आंकड़े मोदी से मेल नहीं खाते। मोदी ने भाजपा 370 और एनडीए 400 पार का नारा बुलंद किया था। चुनाव विश्लेषकों ने 370 या 400 पार को तो नहीं माना है मगर जीत मोदी की पक्की मान रहे है। इन चुनाव विश्लेषकों में मोदी विरोधी माने जाने वाले योगेंद्र यादव और प्रशांत किशोर भी शामिल है। योगेन्द्र यादव ने कहा है कि भाजपा के नेतृत्व वाला एनडीए लगभग 305 सीटें जीतेगा। प्रशांत किशोर ने भविष्यवाणी की कि भाजपा लगभग 300 सीटें जीतेगी। स्वतंत्र चुनाव विश्लेषक प्रो संजय कुमार सरीखे भी मोदी की हैट्रिक को स्वीकार कर रहे है। संजय कुमार ने कहा, 'मेरी राय में, परिदृश्य यह है कि बीजेपी अपने सहयोगियों के साथ करीब 300 सीटें जीतेगी। मुझे नहीं लगता कि बीजेपी के अपने सहयोगियों के साथ 370 और 400 के आस पास कहीं दूर-दूर तक जाने की संभावना है। राजदीप सरदेसाई ने कहा, 'मुझे ऐसा कोई परिदृश्य नजर नहीं आता है जहां बीजेपी सरकार नहीं बनाएगी। लोकसभा चुनाव के छह चरण पूरे हो चुके है। सभी दल बचे हुए एक चरण के मतदान की तैयारियों में लग गए। हर दल अपनी जीत का दावा ठोक रहा है। एनडीए और इंडिया के बीच नंबर युद्ध छिड़ गया है। दोनों और से जीत के बढ़ चढ़ कर दावे प्रतिदावे किये जा रहे है। एक तरफ NDA और BJP 400 पार का दावा कर रहे हैंं। वहीं INDIA अपनी जीत का दावा कर रहा है। गृह मंत्री अमित शाह ने ओडिशा की एक रैली में बताया कि अब तक हुए चुनाव में ही पीएम मोदी 310 सीटों के आंकड़े को पार कर चुके हैं। आने वाले फेज में ये आकड़ा 400 के पार पहुंच जाएगा। कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे ने 300 सीटों पर इंडि गठबंधन की जीत का विश्वास व्यक्त किया है। इस समय समूची दुनिया की निगाह भारत के लोकसभा चुनाव और प्रधानमंत्री नरेंद्र मो दी की हैट्रिक पर केंद्रित हो रही है। चुनाव में मुख्य मुकाबला एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एनडीए की कमान संभाल रखी है। चुनाव की विधिवत घोषणा से पूर्व ही उन्होंने देशभर का दौरा शुरू कर दिया था। वे देश के विभिन्न भागों में एक दिन में तीन से चार रैलियां और रोड शो में शामिल हो रहे है। उनका चुनावी जज्बा एक नौजवान की तरह कायम है। 74 साल की उम्र में भी मोदी थके से नहीं लग रहे है और सम्पूर्ण ऊर्जा और उत्साह के साथ लोगों तक अपनी बात पहुंचा रहे है। आज यह कहने में किसी को कोई गुरेज नहीं है कि अकेला मोदी सब पर भारी साबित हो रहा है। राजनीतिक समीक्षकों का कहना है मोदी ने अपनी ही पार्टी के सर्वाधिक मजबूत और कद्दावर नेता वाजपेयी और आडवाणी को लोकप्रियता के पैमाने पर पीछे छोड़ दिया है। 2014 में भाजपा को देश की सत्ता शक्ति के शिखर पर पहुंचाने के बाद मोदी का जादू अनवरत रूप से लोगों के सि र चढकर बोल रहा है और लोकप्रियता में पक्ष या विपक्ष का कोई भी नेता उनके आसपास भी नहीं है। मोदी ने भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाकर विपक्ष को कटघरे में खड़ा कर दिया है। भारतीय राजनीति के लिहाज से 2024 का लोकसभा चुनाव काफी महत्वपूर्ण होने वाला है। इस चुनाव पर दुनियाभर की निगाहें टिकी है। देश में लोकसभा चुनाव का शंखनाद होने के साथ ही चुनाव प्रचार में तेजी देखने को मिल रही है। पक्ष और विपक्ष में घमासान छिड़ गया है। आरोपों की नई नई बानगी देखने को मिल रही है। गांव गुवाड़ और चौक चौराहों पर लोग मोदी के 400 पार के नारे की चरचा करते मिल जायेंगे। मोदी को तानाशाह कहने के कांग्रेसी नेताओं के आरोप लोगों के गले नहीं उतर रहे है। इसलिए यह कहा जा रहा है वर्तमान चुनाव में अकेला मोदी सब पर भारी भारी हो रहा है। जून 2013 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की और से मोदी को प्रधानमंत्री उम्मेदवार घोषित किया गया। जहा कई लोगो ने पहले से ही उन्हें भारत का प्रधानमंत्री मान लिया था। वहीँ कई लोगो का मानना था की मोदी में भारत की आर्थिक स्थिति बदलने का और भारत का विकास करने की ताकत है और अंत में मई 2014 में उन्होंने और उनकी बीजेपी को लोकसभा चुनाव में 534 में से 282 सीट प्राप्त कर एतिहासिक जीत दिलवाई। नरेंद्र मोदी ने 2014 में और फिर 2019 में भारतीय जनता पार्टी की प्रभावशाली जीत का नेतृत्व किया।
-बाल मुकुन्द ओझा