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पृथ्वी की रक्षा, मानव की सुरक्षा

पृथ्वी की रक्षा, मानव की सुरक्षा

पृथ्वी में बसी है सबकी जान,
इंसान करे इसका सम्मान ।


पृथ्वी सभी जीवों के लिए जीवनदायिनी है। जीवन जीने के लिए जिन प्राकृतिक संसाधनों की जरूरत एक पेड़, एक जानवर या फिर एक इंसान को होती है, पृथ्वी वह सब हमें प्रदान करती है। हालांकि वक्त के साथ सभी जरूरी प्राकृतिक संसाधनों का दोहन इस कदर हो रहा है कि समय से पहले की सभी संसाधन खत्म हो सकते हैं। ऐसे में मनुष्य के लिए पृथ्वी पर जीवित रहना मुश्किल हो जाएगा। इसी मुश्किल को हल करने के लिए प्रकृति प्रदत्त चीजों का संरक्षण करने की आवश्यकता है। इस आवश्यकता के बारे में सभी को जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 22 अप्रैल को 'पृथ्वी दिवस' मनाया जाता है। समय के साथ नई चुनौतियों के बीच प्रकृति और पृथ्वी को बचाने की जरूरत महसूस होती है। विकास की दौड़ में पर्यावरण के सुरक्षा की जिम्मेदारी कहीं धुंधला ना जाए, इसके लिए पृथ्वी दिवस की भूमिका और महत्वपूर्ण हो जाती है। हालांकि, प्रकृति के संरक्षण में बहुत सी चुनौतियां आती है। इनमें जनसंख्या का तेजी से बढ़ना, मृदा अपरदन, जल-प्रदूषण, वनों की कटाई जैसी चुनौतियां मुख्य हैं। पर्यावरण को नुकसान पहुंचने का कारण बहुत हद तक मानवीय कृत्य ही होते हैं। हमारे पृथ्वी को किन कारणों से नुकसान पहुंच रहा है और इसे कैसे कम किया जा सकता है, को जानने के लिए जागरुकता जरूरी है। हर साल पृथ्वी दिवस अलग-अलग थीम के साथ समाज में जागरुकता फैलान के उद्देश्य से मनाया जाता है।

पृथ्वी दिवस के इतिहास पर नजर डालें तो इसकी शुरुआत साल 1970 से हुई थी। साल 1969 में सैन फ्रांसिस्को में यूनेस्को सम्मेलन के दौरान पृ्थ्वी दिवस के नाम 22 अप्रैल को तय किया गया था। इस दौरान शांति कार्यकर्ता, जॉन मैककोनेल ने धरती माता और शांति की अवधारणा का सम्मान करने का प्रस्ताव रखा। पृथ्वी दिवस की महत्ता पर बात करें तो इस दिन पर्यावरण संरक्षण के लिए मौजूदा चुनौतियों को जान कर उन्हें खत्म करने के उपायों पर विचार-विमर्श किया जाता है। इस साल पृथ्वी दिवस की थीम "हमारे ग्रह में निवेश करें" ( Invest ln Our Planet ) रखी गई है। इसी के साथ यह विश्व पृथ्वी दिवस का 53वां आयोजन होगा । पृथ्वी के पर्यावरण को बचाने के लिए हम ज्यादा कुछ नहीं कर सकते, तो कम से कम इतना तो करें कि पाॅलिथिन के उपयोग को नकारें, कागज का इस्तेमाल कम करे, अधिक से अधिक पेड़ लगाएं और रिसाइकल प्रक्रिया को बढ़ावा दे । क्योंकि जितनी ज्यादा सामग्री रिसाइकल होगी, उतना ही पृथ्वी पर कचरा कम होगा ।
पृथ्वी पर हरियाली होगी,
तो जीवन में खुशहाली होगी ।


-चैनसुख तंवर

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